अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा से ही छात्र हितों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद करती आई है। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में परिषद ने प्रदेश विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द लागू करने की मांग रखी।
शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसमें बुनियादी तौर पर बदलाव किए गए हैं लेकिन यह भारत की पहली ऐसी शिक्षा नीति है जोकि औपनिवेशिक मानसिकता को तोड़ते हुए भारतीय विचार पर केंद्रित शिक्षा नीति है। साथ ही साथ विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन में प्रदेश विश्वविद्यालय में लंबे समय से लंबित पड़ी गैर शिक्षक वर्ग की भर्ती को जल्द आयोजित करवाने की मांग रखी। जिससे विश्वविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति हो तथा प्रशासनिक कार्य समय से पूर्ण हो पाए।
वहीं प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रावास में आए दिन लड़ाई-झगड़े के मामले सामने आते हैं। अधिकतर मामलों में अवैध प्रवेश से आए हुए व्यक्ति संलिप्त पाए जाते हैं। ऐसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरा लगवाए जाएं व छात्रावास व विश्वविद्यालय परिसर में खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों को शीघ्र ठीक कराया जाए। यूजी पुनर्मूल्यांकन में जो छात्र पास हुए हैं उन्हें अगले वर्ष की परीक्षा देने हेतु अतिरिक्त मौका दिया जाए, जिससे प्रदेश भर के छात्र अपनी शिक्षा को सुचारू रूप से प्राप्त कर सकें।
इकाई मंत्री इंद्र सेन ने कुलपति को चेतावनी देते हुए कहा कि इन सभी छात्र मांगों का समाधान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेगा जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।