सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा देने के खिलाफ गुर्जर समुदाय हाईकोर्ट पहुंच गया है। गुर्जर समाज ने केंद्र सरकार द्वारा हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के फैसले पर विरोध जताया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट में 30 नवंबर को इस मामले में सुनवाई हुई। मामले में केंद्र सरकार सहित अन्य सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। गुर्जर समाज की ओर से केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट रजनीश मनिकटाला ने कहा कि गिरिपार के गुर्जर समाज के लोगों ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का विरोध करते हुए कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि हाटी समुदाय एसटी का दर्जा देने के मापदंड पर खरा नहीं उतरता। एसटी का दर्जा देने के लिए शैक्षणिक, आर्थिक पिछड़ेपन, एथनिक ग्रुप सहित कई मापदंड है, जिसको हाटी समुदाय पूरा नहीं कर रहा।
गुर्जर समुदाय का कहना है कि हाटी को एसटी का दर्जा देना एक राजनीतिक फैसला है, इसमें साधन संपन्न लोग शामिल हैं। गुर्जर समुदाय की यह भी दलील है कि एसटी का दर्जा देने के बाद उनको इन संपन्न लोगों के साथ आरक्षण के लिए प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी और इसमें वे पिछड़ जायेंगे।
अधिवक्ता रजनीश मनिकटाला ने कहा कि आज यह मामला मुख्य न्यायाधीश सहित ज्योत्सना रेवाल दुआ की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। गुर्जर समाज के लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में हाटी को एसटी का दर्जा देने के फैसले को गलत करार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र और हिमाचल सरकार सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर रिप्लाई फ़ाइल करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में सुनवाई अब 18 दिसंबर को कोर्ट ने तय की है।