हमीरपुर: 20 से 28 साल इंतजार के बाद भी हेडमास्टर प्रमोशन नहीं, TGT पद से रिटायर हो रहे शिक्षक

टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति का चैनल वर्तमान में सबसे धीमा हो चुका है। 20 से 28 साल इंतजार पर भी टीजीटी को हेडमास्टर प्रमोशन नहीं मिलने से शिक्षक मूल टीजीटी पद पर ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सूबे में 923 हेडमास्टर पद के लिए 23 हज़ार शिक्षक प्रतीक्षा पंक्ति में खड़े हैं। इनमें 16318 टीजीटी और 6682 प्रमोटी प्रवक्ता शामिल हैं।

ऐसे में प्रदेश के करीब तीन हज़ार टीजीटी बड़े लंबे अरसे से अपनी पहली प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। मगर दूसरी ओर टीजीटी से प्रवक्ता प्रमोट हो चुके शिक्षक भी हेडमास्टर बन रहे हैं। इधर टीजीटी से हेडमास्टर प्रमोशन सूची विलंब के चलते कई टीजीटी इस साल भी बिना प्रमोशन रिटायर हो गए।

हेडमास्टर के कम पद होने पर सबके सपने चकनाचूर हो रहे हैं। क्योंकि हेडमास्टर के 923 पद हाई स्कूलों में ही मौजूद हैं। 1948 मिडल स्कूलों में ये पद आज तक सृजित नहीं हो सके हैं। ऐसे में राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश के मिडल स्कूलों में हेडमास्टर के पद सृजित करते हुए स्टाफ की कमी दूर करते हुए प्रशासनिक गुणवत्ता लाई जाए। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, महासचिव विजय हीर व समस्त कार्यकारिणी का कहना है कि 1948 मिडल स्कूलों में हेडमास्टर के पद सृजित किए जाएं।

देश के 7 राज्यों तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा व असम में यह व्यवस्था है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के मिडल स्कूलों में हेडमास्टर के पद सृजित करते हुए भरे जाने थे। इस बारे में बाकायदा लिखित कमिटमेंट समग्र शिक्षा अभियान के द्वारा 28 अगस्त 2017 को हुई शिक्षा सचिव व एसएसए निदेशक की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में किया गया था।

मिडल स्कूलों के इंचार्ज पर स्थिति हो स्पष्ट

संघ ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से अपील की है कि मिडल स्कूलों में इंचार्ज कौन होगा और क्या वह अपने स्कूल में मौजूद जूनियर स्टाफ को अवकाश स्वीकृत कर सकता है, इस पर स्थिति स्पष्ट की जाए। कई स्कूलों में इंचार्ज को अवकाश देने की आज्ञा डीडीओ देते हैं। मगर कई स्कूलों में ऐसा न होने से विवाद उभर रहे हैं। इसके अलावा मिडल स्कूल के क्लास फोर कर्मचारी स्कूल में आए दिन डेप्यूट किए जाने से भी दिक्कत आती है।