सोलन अस्पताल में एसपी टैंक न लगाने पर प्रदूषण विभाग ने जारी किया

नोटिस, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे अधिकारीसोलन के क्षेत्रीय अस्पताल के नए भवन के निर्माण में लापरवाही सामने आई है। प्रदूषण विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द जवाब तलब किया है। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन को निर्माण कार्य से पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस गंभीर चूक को लेकर अब विभाग ने कार्रवाई शुरू की है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सख्त रुख के बाद अब अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है कि नोटिस मिलने के बाद एसपी टैंक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब तक नोटिस नहीं आता, तब तक अधिकारी क्यों नहीं जागते? और क्या इस लापरवाही के लिए किसी पर कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? अब सवाल यह उठता है कि अगर एसटीपी  टैंक की स्थापना अनिवार्य थी, तो इसकी निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी किसकी थी? क्या अस्पताल प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी, या फिर यह जानबूझकर की गई लापरवाही थी?
हालांकि, इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के बजाय अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। जब इस बारे में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट महेंद्रपाल से सवाल किया गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर लोक निर्माण विभाग पर ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था, इसलिए निर्माण से जुड़ी खामियों को दूर करना भी उन्हीं की जिम्मेदारी थी। एमएस ने यह भी दावा किया कि स्वास्थ्य विभाग को इन टेक्निकल चीजों की अधिक जानकारी नहीं थी।byte मेडिकल सुपरिटेंडेंट महेंद्रपाल फिलहाल, इस मामले पर सरकार और उच्च अधिकारियों को हस्तक्षेप कर जवाबदेही तय करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की प्रशासनिक लापरवाही दोबारा न हो।