अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत सिरमौर जिला में बीते तीन सालों के दौरान 57 मामलों के 61 पीड़ितों को 83 लाख 50 हजार रुपए की राहत राशि वितरित की गई है। यह जानकारी जिला दण्डाधिकारी एलआर वर्मा ने आज यहां आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत वर्ष 2020 से नवम्बर 2023 तक कुल 67 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 40 मामले न्यायालय में लंबित हैं तथा 12 का निपटारा हो चुका है। राहत राशि के अलावा पीड़ित के परिवार को राशन, बर्तन, बच्चों की शिक्षा इत्यादि भी प्रदान की जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि राहत राशि पीड़ित व्यक्ति को नियमानुसार शीघ्र प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार के मामलों को गंभीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है। एडीएम ने कहा कि जिला स्तरीय समिति के अलावा उपमण्डल स्तर पर भी समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों को तीन माह में एक बार बैठक करना अनिवार्य है। इसके लिए उन्होंने एसडीएम को त्रैमासिक बैठकें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के व्यक्तियों के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार की रिपोर्ट प्राप्त होने पर संबंधित क्षेत्र से समिति के गैर सरकारी सदस्य को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि वह मौके पर वस्तुस्थिति से अवगत हो और यथानुसार अपना सहयोग कर सके।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि जिला के किसी भी विद्यालय अथवा आंगनवाड़ियों में किसी भी प्रकार के भेदभाव व छुआछूत के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दोषी को सजा का प्रावधान अधिनियम में है। इस संबंध में सूचना देने के लिये समिति के गैर सरकारी सदस्यों को प्राधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह के दौरान पौने दो लाख रुपये की राहत राशि पीड़ितों के पक्ष में जारी की गई है। उन्होंने पुलिस को विभिन्न थानों में पंजीकृत होने वाले अत्याचार के मामलों की मासिक रिपोर्ट के साथ एफआईआर. तथा मेडिकल की रिपोर्ट भी जिला कल्याण अधिकारी को सौंपने को कहा। अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
एडीएम ने कहा कि जिला में 1473 अल्पसंख्यक व्यक्तियों को 38 करोड़ से अधिक राशी के ऋण वितरित किये गये जबकि चालू वित वर्ष के दौरान 66 लाभार्थियों को 3 करोड 13 लाख से अधिक राशी के ऋण वितरित किए गए।
उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में मुस्लिम आबादी 33215, सिख 15501, ईसाई 577, जैन 236, बौद्ध 2645 तथा अन्य 86 हैं जो अल्पसंख्यक समुदायों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना तथा अन्य योजनाओं के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसे विद्यालय एक निश्चित संख्या में अल्पसंख्यक समुदायों की घनी आबादी वाले गांवों में स्थापित किये जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राथमिक व उच्च स्कूलों में उर्दू भाषा के अध्यापकों की भर्ती के लिये केन्द्रीय सहायता प्रदान की जा रही हे। मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है तथा शैक्षिक तौर पर पिछड़े अल्पसंख्यकों को लाभ पंहुच सके।
एडीएम ने जिला के मदरसों के निरीक्षण के लिये समिति के सदस्यों को आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का आकलन करके निरीक्षण रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदान की जा रही छात्रवृत्तियां समय पर पात्र बच्चों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
एलआर वर्मा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिये स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के भौतिक एवं आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति करना संबंधित विभागों का दायित्व है। इस योजना का नाम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन रखा गया है। जिला में नगर पालिका परिषद के माध्यम से ये योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
बैठकों की कार्यवाही का संचालन जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने किया। उन्होंने कहा कि विभाग को जहां समाज के गरीब वर्ग के उत्थान के लिये सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का दायित्व सौंपा गया है, वहीं समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करना तथा समाज में आपसी सौहार्द व समरसता स्थापित करने के लिये भी कार्य करना विभाग के साथ समाज के प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेवारी है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी तथा समितियों के गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।