यूपी के फर्रूखाबाद के गांव करथिा में एक जनवरी 2020 में एक सुभाष बाथम नाम के शख्स ने 25 बच्चों को बंधक बना लिा था. बेटी के जन्मदिन के बहाने उसने बच्चों को घर बुलाया था और बाद में बंधक बना लिया था. 12 घंटे तक पुलिस उससे बातचीत करती रही, लेकिन जब स्थिति नहीं सुलझी तो पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया.
ये पूरा ऑपरेशन आईजी मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में चलाया गया. इस ऑपरेशन के बाद सुभाष की पत्नी को भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा और लोगों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला. इसके बाद उन दोनों की बच्ची गौरी अकेली पड़ गई. सवाल उठने लगा कि बच्ची का क्या होगा?
ऐसे में ऑपरेशन को लीड कर रहे आईजी मोहित अग्रवाल ने बच्ची को गोद ले लिया. उन्होंने बच्ची के बालिग होने तक सारा खर्च उठाने की और उसे निभा रहे हैं. बताया जा रहा है कि वह हर महीने गौरी के खर्च के लिए 5 हजार रुपये भेजते हैं. त्यौहारों पर कपड़े और खिलौने भी भेजते हैं.
महीने में एक बार करते हैं मुलाकात
बताया जा रहा है कि मोहित अग्रवाल महीने में एक बार गौरी से मिलने भी जाते हैं. ऑपरेशन को सफल करने के लिए सीएम की तरफ उन्हें जो 1 लाख रुपये का इनाम मिला था, उसे भी उन्होंने गौरी के नाम ही बैंक में जमा करा दिया था.