संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश के मास्टमाइंड ललित मोहन झा ने जला दिए थे सभी फोन, अब बरामद हुए इनके अवशेष

संसद सुरक्षा सेंध मामला: जलाए गए फोन के अवशेष राजस्थान से बरामद, FSL जांच से खुलेंगे राज?

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश के कथित मास्टरमाइंड ललित मोहन झा ने सभी आरोपियों के मोबाइल फोन ले लिए थे। राजस्‍थान से जली हुई हालत में वे मोबाइल बरामद हुए हैं।

हाइलाइट्स

  • संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर 2023 को सेंध लगाने का मामला
  • ‘मास्टरमाइंड’ ललित मोहन झा ने जला डाले थे सारे मोबाइल
  • पुलिस को राजस्‍थान से मिले जलाए गए फोन के अवशेष
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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला
नई दिल्ली: संसद में घुसपैठ के बाद राजस्थान भागे ललित झा की निशानदेही पर पुलिस ने जलाए मोबाइल फोन के अवशेष बरामद कर लिए हैं। संसद की सुरक्षा में सेंध वाली साजिश का राज अब खुल जाएगा! पुलिस को सभी आरोपियों के मोबाइल फोन मिल गए हैं, मगर जली हुई हालत में। न्यूज एजेंसी ANI ने दिल्‍ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन के पार्ट्स राजस्थान से मिले हैं। इन मोबाइल्‍स को साजिश का कथित मास्टरमाइंड ललित मोहन झा अपने साथ ले गया था। पुलिस सूत्रों ने पहले कहा था कि झा ने दिल्‍ली आने से पहले पांचों मोबाइल नष्ट कर दिए थे। वह लगातार जांच टीम को गुमराह करता रहा। अब पुलिस ने सेलुलर कंपनी से ललित और अन्य आरोपियों के मोबाइल लोकेशंस का डेटा मांगा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्हें जांच के लिए FSL भेजा जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि शायद उनसे कुछ जानकारी निकल सके।

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पुलिस को मोबाइल के जले हुए पार्ट्स मिले हैं

पूछताछ में आरोपियों ने किए कई खुलासे

पुलिस पूछताछ में भी आरोपियों की ओर से नए-नए खुलासे किए जा रहे हैं। सागर शर्मा से पूछताछ में पता चला है, संसद के बाहर उनका प्लान खुद को आग लगाने का भी था। मगर एक ज्वलनशील जैल ना मिल पाने के कारण इस प्लान को ड्रॉप करना पड़ा था। दरअसल आरोपियों ने ऑनलाइन वह जैल मंगवाने का प्रयास किया था, जिसे लगाकर आग लगने पर भी खुद को जलने से बचाया जा सकता है। मगर ऑनलाइन पेमेंट होने के कारण उसका ऑर्डर नहीं हो पाया था, जिससे उन्हें प्लान में बदलाव करना पड़ा था।

संसद की रेकी करने के दौरान उन्होंने पाया था कि वहां जूतों की जांच नहीं की जाती है। इसलिए उन्होंने जूतों के अंदर खास जगह बनाकर उसमें स्मॉक शॉट ले जाने का प्लान बनाया था। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में चार शॉट का जिक्र है, जिनमें से तीन का इस्तेमाल हुआ था। जबकि एक इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला है कि पुलिस उन्हें ना पकड़ पाए इसलिए वे सेफ चैट्स कर रहे थे। सिग्नल ऐप पर बातें करते थे। वह और युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए उनका माइंड वॉश भी करते थे। जिससे वह कई लोगों को अपने साथ जोड़ने में सफल भी हुए थे।