धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त तल्खी देखी गई। विपक्ष ने हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों के लिए नौकरियों के मुद्दे को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया तो वहीं जवाबी हमले में कांग्रेस के विधायकों ने 15 लाख रुपए की मांग की।
माहौल कुछ समय के लिए काफ़ी तनावपूर्ण भी हुआ और विधायक आपस में धक्का-मुक्की करते हुए भी नज़र आए। इस दौरान भाजपा विधायकों ने डिग्रियां भी जलाई। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा किया था, लेकिन पिछले 1 साल से भर्तियां लटकी हुई है। बेरोजगार की दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और डिग्रियों को जलाई की नौबत आ गई है।
खाली पदों को भरने की लगातार मांग की जा रही हैं लेकिन सरकार गंभीर नहीं है, जबकि 1 लाख युवाओं को 1 साल में नौकरी देने की गारंटी दी गई थी। प्रदेश में 10 लाख से अधिक बेरोजगार हैं जो नौकरी की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकार नौकरी देने के बजाय चहेतों को एडवाइजर, ओएसडी जैसे पदों से नवाज रही है और बेरोजगारों के साथ मजाक किया जा रहा है।
विपक्ष इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं, दूसरी तरफ जवाबी हमले में कांग्रेस के विधायकों ने आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करने, सिलेंडर के बढ़ते दामों और 15 लाख देने के वादों को लेकर भाजपा पर जवाबी हमला बोला और कहा कि प्रदेश के भाजपा विधायक नौटंकी कर रहे हैं । केंद्र से हिमाचल को मदद दिलाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। मोदी सरकार ने 2014 में काले धन की वापसी पर 15-15 लाख देने का दावा किया था जो अब तक किसी को नहीं मिला है भाजपा के पास मुद्दे नहीं है जबकि सरकार ने 1 साल में बेहतरीन कार्य किए हैं,गारंटी को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है।