शबनम के ‘राम’ : मुंबई से पैदल ही अयोध्या के लिए निकली मुस्लिम लड़की,कहा- राम तो सबके हैं
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। वहीं, राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। सिर्फ हिंदुओं में ही नहीं, दूसरे धर्म के लोग भी राम के दर्शन के लिए उतावले हैं
नेशनल डेस्कः अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। वहीं, राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। सिर्फ हिंदुओं में ही नहीं, दूसरे धर्म के लोग भी राम के दर्शन के लिए उतावले हैं। राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा की जाएगी।
दरअसल मुंबई की रहने वाली शबनम बीते 21 दिसंबर को मुंबई से अयोध्या तक की पैदल यात्रा पर निकली है। उसके साथ हैं उसके साथी रमन राज शर्मा व विनीत पांडे. शबनम को 1425 किलोमीटर की दूरी तय करनी है लेकिन राम की धुन में उसके चेहरे पर थकान नहीं दिखती. उसे अपने मुस्लिम होने पर गर्व है और कहती है- राम की पूजा या उन्हें मानने के लिए हिंदू होना जरूरी नहीं है। जरूरत है तो बस एक अच्छा इंसान होने की। फिलहाल शबनम मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा पहुंच चुकी है। वे और उनके साथी हर दिन 25-30 किमी का सफर तय करते हैं। भगवान राम की भक्ति में वे इतने रमे हुए हैं कि उन्होंने अयोध्या पहुंचने की अपनी कोई तारीख निश्चित नहीं की है। लगता है कि उन्होंने अपना सूत्र वाक्य बना रखा है- होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
फिलहाल शबनम और उनके साथियों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। शबनम से जब सवाल किया गया तो वो कहती हैं- मैं अपनी यात्रा से दो ही संदेश देना चाहती हूं। पहला तो ये भगवान राम सबके हैं। वे किसी जाति-धर्म में बंधे नहीं हैं। वे भारत ही नहीं पूरी दुनिया के हैं। दूसरा शबनम बताना चाहती हैं कि लड़कियां भी किसी से कम नहीं. वे भी लड़कों की तरह पैदल यात्रा कर सकती हैं। वे ये भ्रम तोड़ना चाहती हैं कि कोई अमुक काम कोई लड़का ही कर सकता है।
वे अपनी यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यात्रा के दौरान उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ नफरती कमेंट मिले हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसे पॉजिटिव ले रहे हैं। वे भगवा झंडे को हाथ में लेकर चल रही हैं तो कई बार रास्ते में मिलने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें सलाम करने करने के साथ-साथ जय श्री राम भी कहते हैं। वे बताती हैं कि लोगों को ये मान रहे हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापित होगी तब हमलोग भी अयोध्या में पहुंच जाएंगे। लेकिन ये सच नहीं है हमने ऐसी कोई तारीख निश्चित नहीं की है।