अपराधियों ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान मुम्बई में बैठकर शिमला की युवती से लाखों की ठगी कर डाली। दरअसल लॉकडाउन में पीड़ित युवती मुम्बई में रह रही थी और उसका नया डेबिट/एटीएम कार्ड व बैंक से लिंक मोबाइल नम्बर शातिरों के हाथ लग गया था। ठगों ने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर साढ़े तीन लाख रुपये का लोन ले लिया। लंबे समय तक लोन की किश्त नहीं आने पर बैंक प्रबंधन ने युवती को लोन चुकता करने का नोटिस भेजा, तो उसके होश उड़ गए। अपने साथ ठगी का खुलासा होने पर युवती ने शिमला के ढली पुलिस थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया।
शिमला की संजौली निवासी युवती तीन वर्ष पहले मुंबई में प्राइवेट जॉब करती थी। युवती मुंबई में किराए के घर में रह रही थी। वर्ष 2021 में युवती ने नए डेबिट/एटीएम कार्ड के लिए बैंक में अप्लाई किया था। डेबिट कार्ड युवती के मुम्बई वाले पते पर आना था। लेकिन कुछ समय बादलॉकडाउन लगने पर युवती ने नौकरी छोड़ दी और वह मुंबई से शिमला आ गई थी। इसी बीच उसकी शादी हो गई। इसी दौरान युवती का डेबिट कार्ड मुंबई वाले पते पर डिलीवर हुआ और शातिरों के हाथ लग गया। युवती का बैंक से लिंक मोबाइल नम्बर वाला सिम कार्ड भी गुम हो गया था। शातिरों ने डेबिट कार्ड और सिम कार्ड से युवती को लाखों का चूना लगा दिया।
युवती द्वारा दर्ज शिक़ायत के मुताबिक संजौली के एचडीएफसी बैंक शाखा में उसका खाता है। युवती ने मार्च 2021 को अपने लिंक किए गए मोबाइल नंबर को बदलने और उसे एक नया डेबिट कार्ड जारी करने के लिए बैंक प्राधिकारी से अनुरोध किया था। दिसंबर 2021 को उसे पता चला कि उसके खाते से 30 हजार रुपये का धोखाधड़ी भरा लेन-देन किया गया है।
युवती ने शिकायत में कहा कि उसने वर्ष 2021 में अपना सिम कार्ड खो दिया और उसने कभी भी संबंधित टेलीकॉम कंपनी में उसी सिम के लिए आवेदन नहीं किया। बाद में उसने उपरोक्त लेनदेन के संबंध में बैंक प्राधिकरण से संपर्क किया और अपने खाते को ब्लॉक करने का अनुरोध किया।
युवती के मुताबिक बैंक प्रबंधन से पता चला कि उसके डेबिट/एटीएम कार्ड पर चार ऋण खाते खुले हैं। अज्ञात व्यक्ति ने उसके सिम नंबर व डेबिट कार्ड के जरिये साढ़े तीन लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। शिमला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि युवती की शिकायत पर अज्ञात अपराधी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।