लाखों-करोड़ों साल पहले पाए जाते थे ये खूंखार जानवर, आज के समय के बड़े जानवर भी इनके आगे हैं छोटे

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दुनिया एक से एक रहस्यमयी चीजों से भरी पड़ी है. आज की आधुनिकता के दौर में हम कई बार ये बात भूल जाते हैं कि हमारे वजूद में आने से लाखों साल पहले भी इस दुनिया में जीवन था और हमारे जाने के लाखों साल बाद भी यहां जीवन रहेगा. हमें इन बातों का ध्यान तब आता है जब धरती पर लाखों साल पुरानी कोई चीज मिलती है.

कुछ सालों में इंसान ने ऐसी ही कुछ अद्भुत चीजें खोजी हैं. इनमें लाखों करोड़ों साल पुराने ऐसे खूंखार जीवों के जीवाश्म भी मिले हैं जो अगर ज़िंदा होते तो हर तरफ दहशत मचा देते.

1. स्टेनलीकारिस हिरपेक्स (50 करोड़ साल पहले)

स्टेनलीकारिस हिरपेक्स नामक ये जानवर करीब 50 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन काल में पाया जाता था. यह आर्थ्रोपोड्स में पहला ऐसा जानवर है जिसकी तीन आंखे थीं. बता दें कि आर्थ्रोपोड्स एक ग्रुप है जिसमें कीड़े, अरचिन्ड और क्रस्टेशियंस शामिल होते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं को लगता है कि ऐसे और ग्रुप भी हो सकते हैं जिनके जानवरों में तीसरी आंख हो, और जिन्हें अनदेखा किया गया हो.

एक इंसान के हाथ के बराबर के आकार वाले इस जानवर के सिर के दोनों तरफ उभरी हुई दो आंखे होती थीं. इन आंखों में सैकड़ों लेंस लगे थे. इन दो आंखों के अलावा बीच में एक और आंख होती थी जो बाकी दोनों आंखों से काफी बड़ी थी. समुद्र में रहने वाले इस जानवर के फिन पंखों जैसे थे. यह जीव छोटे समुद्री जानवरों का शिकार किया करता था. शोध के बाद पाया गया कि ये जानवर अपने समय में खूंखार शिकारी रहा होगा.

2. चार पैर वाली व्हेल (4 करोड़ साल पहले)

मिस्र में वैज्ञानिकों को 2021 में चार पैर वाली व्हेल का एक प्राचीन जीवाश्म मिला था, जोकि चार करोड़ से भी ज्यादा साल पुराना बताया गया था. वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि ये व्हेल प्रोटोसेटिडे प्रजाति की है और इसकी लंबाई 3 मीटर यानी 10 फीट के आसपास है, जबकि इसका वजह 600 किलो रहा होगा.

3. बिच्छू (25 करोड़ साल पहले)

ऑस्ट्रेलिया में एक बिच्छू का जीवाश्म पाया गया था. ये बिच्छू एक ऐसी प्रजाति से है जिनका वजूद धरती पर करीब 25 करोड़ साल पहले था. ये एक विशालकाय समुद्री बिच्छू था. इसी वजह से तो इसे समुद्री शैतान के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि एक समय था जब वुडवार्डोप्टेरस फ्रीमैनोरम (Woodwardopterus Freemanorum) नामक इस बिच्छू का राज नदियों से लेकर समंदर और झीलों तक चलता था.

क्वींसलैंड म्यूजियम के अधिकारी एंड्रयू रोजेफेल्डस ने बताया था कि कोयले के बीच प्रिजर्व इस समुद्री बिच्छू का जीवाश्म करीब 25.2 करोड़ साल पुराना है. वैज्ञानिकों की मानें तो इसके बाद अनोखे जीव की प्रजाति की दुनिया से खत्म हो गई थी. अब इस जीवाश्म पर हो रहे रिसर्च से पता लगाया जाएगा कि बिच्छू की इस प्रजाति की यात्रा कितनी लंबी रही है.

4. स्टेगोडॉन प्रजाति का हाथी (50 लाख साल पहले )

जून 2020 में यूपी के सहारनपुर जिले में वन विभाग को शिवालिक के जंगलों में हाथी के जबड़े का एक जीवाश्म मिला था, जिसे 50 लाख साल से भी अधिक पुराना बताया गया था. इसे लेकर दावा किया गया था कि यह जीवाश्म हिप्पोपोटेमश व डायनासोर के समकालीन हाथियों की स्टेगोडॉन प्रजाति का है. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून की जांच में पाया गया था कि यह जीवाश्म जबड़े के चबाने वाले नीचे के दांत का था, जिसकी चौड़ाई 24 सेंटीमीटर थी.

5. चमकने वाली मकड़ी (2.30 करोड़ साल पहले)

इसी साल अप्रैल में वैज्ञानिकों को चमकने वाली एक मकड़ी के बारे में पता चला था. ये मकड़ी फ्रांस की थी, जो अल्ट्रा वॉयलेट रौशनी में चमकती थी. वैज्ञानिकों को इस मकड़ी के जीवाश्म मिले थे. वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया था कि इस मकड़ी के चमकने के गुण के कारण ही इसका जीवाश्म 2.30 करोड़ साल तक सही सलामत रह पाया है.