करवा चौथ के पावन पर्व के चलते राजगढ़, यशवंतनगर, सनौरा में ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाओं द्वारा जमकर खरीददारी की गई। मिठाई, ब्यूटी पार्लर और जनरल स्टोर पर करवा चौथ का सामान खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ देखी गई। महिलाएं फैनी, मटठी, मिठाईयों, चूड़ियां लगाने, नारियल, करवा की खरीदने में पूरा दिन व्यस्त रही। ब्यूटी पार्लर में फेशियल और मेंहदी लगवाने के लिए महिलाएं कतार में खड़ी थी। कारोबारियों द्वारा करोड़ों रूपये का कारोबार किया गया।
आचार्य पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए पहली नवंबर को व्रत रखा जाएगा, जिसके लिए महिलाएं पूरा दिन निर्जल और निराहार रहकर इस व्रत को रखती है। इस व्रत पर इस साल सर्वार्थ सिद्धि का योग बन रहा है। पहली बार व्रत कर रही महिलाओं के लिए यह बहुत ही शुभ है। रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत पति को छलनी से दर्शन करने की प्रथा प्रचलित है। तत्पश्चात पति द्वारा पत्नी को जल पिलाकर इस व्रत को खोला जाता है। उन्होने बताया कि पहली नंवबर को सांय 5.36 से 6.54 बजे तक करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
बता दें कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अनेक स्थानों पर चंद्रमा का उदय 10 बजे उपरांत होता है जिस कारण महिलाओें को काफी देर तक चंद्रमा का इंतजार करना पड़ता है। जबकि पंचाग के अनुसार ब्रह्मांड में चंद्रमा 08 बजकर 09 मिनट पर उदय हो जाएगा। वरिष्ठ नागरिक सूरत सिंह ठाकुर ने बताया कि अतीत में ग्रामीण क्षेत्रों में करवा चौथ का त्यौहार बहुत कम मनाया जाता था। कुछ महिलाएं सादे रूप में बिना खर्च के इस व्रत को किया करती थी।
इसी प्रकार प्रीतम सिंह ठाकुर व कुलदीप शर्मा ने बताया कि पंजाब राज्य की तर्ज पर बीते करीब 30 वर्षों से हिमाचल में भी मनाया जाने लगा है। यह त्यौहार अब हिमाचल प्रदेश में एक फैशन बन चुका है। इस पर्व पर औसतन हर परिवार का न्यूनतम पांच हजार खर्च आ रहा है, जिससे विशेषकर गरीब परिवार काफी प्रभावित हो रहे है।