यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर इसराइल जाने वाले सभी जहाज़ों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है.

यमन: हूती विद्रोही कौन हैं और वो लाल सागर में इसराइल के जहाजों को क्यों बना रहे हैं निशाना

सना में हूती विद्रोही साल 2019 की तस्वीर

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इमेज कैप्शन,यमन में हूती विद्रोही काफी ताक़तवर हो गए हैं

यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर इसराइल जाने वाले सभी जहाज़ों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है.

नवंबर में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज़ को हाइजैक कर लिया था.

इस जहाज़ के मालिक का संबंध इसराइल से हो सकता है. पिछले दो महीनों में हूती विद्रोहियों ने यहां रॉकेट और ड्रोन से कई व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है.

हमास के हमले के बाद सात अक्टूबर को ग़ज़ा पर इसराइल के जवाबी हमलों की शुरुआत के बाद से ही हूती विद्रोहियों ने इसराइल की ओर कई मिसाइल और ड्रोन छोड़े हैं.

अमेरिका का कहना है कि लाल सागर में मौजूद उसके युद्धपोतों ने इनमें से कुछ मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराया था, जबकि कुछ लाल सागर में मिस्र की समुद्री सीमा में गिर गए.

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नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उनका कहना था कि ये इसराइल का है. वे इसे यमन के तट पर एक जगह ले गए थे.

इसराइल का कहना है कि न तो ये जहाज़ इसराइल का था और न ही इसके क्रू का कोई सदस्य इसराइली था. लेकिन अपुष्ट रिपोर्टें बताती हैं कि इस जहाज़ का मालिक एक इसराइली नागरिक हो सकता है.

तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है. इसके लिए उन्होंने यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाक़े से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है.

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज़ इनकी चपेट में आ गए.

हूती विद्रोही

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इमेज कैप्शन,ये तस्वीर हूती विद्रोहियों ने नवंबर में जारी की. इसमें हूती विद्रोही एक नौका हाईजैक करते दिख रहे हैं.

दुनिया की सबसे बड़ी मालवाहक कंपनी, मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी, ने कहा है कि वह अपने जहाज़ों को लाल सागर से हटा रही है.

फ्रांसीसी कंपनियों सीएमए सीडीएम, डेनमार्क की कंपनी मेर्स्क, जर्मन कंपनी हैपेग-लॉयड और तेल कंपनी बीपी ने भी ऐसा ही फ़ैसला लिया है.

मध्य पूर्व में अमेरिका की सैन्य गतिविधियों की देखरेख करने वाले सेंटकॉम ने कहा है, “ये हमले भले ही यमन से हूती विद्रोहियों ने किए हों, लेकिन ये पूरी तरह ईरान ने करवाए हैं.”

अमेरिका ने एक नौसैनिक टास्कफ़ोर्स बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि व्यापारिक जहाजों को हूती विद्रोहियों से हमलों से बचाया जा सके.