हिमाचल सरकार द्वारा जातिगत विवाह को बढ़ावा देने के नाम पर बेटियों की बोली लगाने के खिलाफ प्रदेश में घमासान तेज हो गया है। हिमाचल प्रदेश स्वर्ण मोर्चा ने इस फैसले को तुरंत निरस्त करने की मांग करते हुए सरकार को खुला अल्टीमेटम दिया है। स्वर्ण आयोग के गठन की मांग और इस विवादित योजना को रद्द करवाने के लिए 17 अप्रैल से शिमला में चरणबद्ध आंदोलन शुरू होगा, 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक शिमला में प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन होंगे और 24 अप्रैल को सचिवालय का घेराव किया जाएगा। यह चेतावनी स्वर्ण मोर्चा के प्रमुख रूमित सिंह ठाकुर ने सोलन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
रूमित सिंह ठाकुर ने तीखे शब्दों में कहा, जिस सरकार के पास कर्मचारियों की तनख्वाह देने और विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं है, वह सरकार बेटियों की जाति के आधार पर दो लाख की प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान कर रही है। यह निर्णय समाज को तोड़ने वाला और बाप की पगड़ी उछालने जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया कि, आखिर 68 विधायकों को यह अधिकार किसने दिया कि वे समाज की मर्यादा को इस तरह से तार-तार करें? ठाकुर ने साफ किया कि यह विरोध सिर्फ एक योजना के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की गरिमा और संविधान की समानता के सिद्धांतों के रक्षक के तौर पर उठाया जा रहा है। उन्होंने सरकार को चेताया कि, धर्मशाला से भागने का मौका पहले दिया था, लेकिन इस बार शिमला में ऐसा मौका नहीं मिलेगा।बाइट रूमित सिंह ठाकुर
