संसदीय क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा ने जारी बयान में कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र में मंडी संसदीय के स्थाई निवासी और जिसका वोट मंडी संसदीय क्षेत्र में हो, उसी को टिकट मिलना चाहिए। क्योंकि मंडी के हितों की लड़ाई वह नेता ही लड़ सकता है जिसको मंडी के मुद्दों की धरातल पर जानकारी हो।
उन्होंने कहा कि पूर्व में जब भी बाहरी लोगों को मौका मिला तो उन्होंने केवल अपनी राजनैतिक टूरिज्म के बहाने मंडी का यदा – कदा दौरा किया और किसी भी नई योजना पर काम नहीं कर पाए, जबकि स्वर्गीय पंडित सुखराम ने इस क्षेत्र के विकास को एक नया आयाम दिया था।
आश्रय ने कहा कि उन्होंने अभी कुल्लू का दौरा किया था तो उन्हे वहां होटलियर्स ने बताया कि नेशनल हाइवे की खराब हालत से पर्यटन को धक्का लगा है। उसके पुनर्निर्माण के लिए जिस तरह से सांसद को दिल्ली में अपनी आवाज उठानी चाहिए थी, वह नहीं हो पाया है। आश्रय ने कहा कि वह स्वयं इस मुद्दे को लेकर जल्द ही केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर इस कार्य को जल्दी करवाने की मांग करेंगे। आश्रय ने कहा कि हर बार की तरह अब जब चुनाव मुहाने पर हैं तो चुनाव लड़ने के इच्छुक अब भुभु जोत निर्माण, नमक की खानों के लिए विशेष योजना की बात करेंगे परंतु हैरानी यह होती है कि चुनाव के बाद वह इसे भूल जाते हैं।
आश्रय ने कहा कि पिछले चुनाव में ढाई लाख लोगों ने उनको वोट दिए थे और चुनाव हारने के बाद भी वो लगातार लोगों से संपर्क में रहे हैं क्योंकि मंडी संसदीय क्षेत्र उनका परिवार है जिससे उनका नाता स्वर्गीय पंडित सुखराम के समय से है। आश्रय ने कहा कि मंडी के हितों की बात वह अंतिम दम तक करते रहेंगे क्योंकि उनके दादा की आखिरी इच्छा थी कि वह इस संसदीय क्षेत्र को मॉडल क्षेत्र के रूप में विकसित करें और विशेषकर ट्राइबल क्षेत्र भी विकास की धारा में जुड़ सके।