फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर तले सैंकड़ों दवा प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते मंडी जिला में भी दर्जनों दवा प्रतिनिधि भी केंद्र सराकर व दवा उद्योगपतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे और रैली निकाल कर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की।
इस मौके पर एम आर प्रतिनिधियों ने शहर का चक्कर लगाया और अपनी मांगों से संबंधित मांग पत्र जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र व प्रदेश सरकार को भेजा। मांगों में केंद्र सरकार से सेल्स प्रोमोशन एम्पलॉई एक्ट की रक्षा, सेल्स प्रोमोशन कर्मचारियों की वैधानिक कार्य नियमावली, सरकारी अस्पतालों व बड़े संस्थानों से दवा प्रतिनिधियों के कार्य करने की रोक को हटाना, सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के साथ जीवन रक्षक दवाएं निशुल्क देना, दवा प्रतिनिधियों के डाटा को व्यक्तिगत रखना शामिल है।
वहीं सेल्स उत्पीड़न के नाम पर दवा प्रतिनिधियों का उत्पीड़न बंद करना, दवा प्रतिनिधियों का भी 8 घंटे कार्यसमय व न्यूनतम वेतन 25 हजार करना और दवाओं की आनलाइन बिक्री को भी बंद करना शामिल है। इसके साथ ही एमआर दवाईयों पर लगने वाले जीएसटी का भी विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन का मानना है कि इससे जनता पर मंहगी दवाई का बोझ पड़ेगा।
इस मौके पर एसोसिएशन के प्रदेश संयुक्त महासचिव प्रकाश ठाकुर ने कहा कि आज पूरे देश में एमआर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं और केंद्र व प्रदेश की सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को लेकर उदासीन रहती है तो फिर आने वाले समय में संघर्ष को और तेज किया जाएगा। इस मौके पर जिला इकाई के सदस्य भी मौजूद रहे।