सर्दियों का मौसम शुरू होते ही मंडी जिला की बल्ह घाटी (Balh Valley) धुंध के आगोश में समाने लग गई है। रोजाना रात 12 बजे के बाद बल्ह घाटी में धुंध के छा जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है और यह धुंध अगले दिन सुबह 12 बजे के बाद ही छंटती हैं। कहीं-कहीं पर तो यह धुंध इतनी ज्यादा घनी होती है कि विजिबिलिटी लगभग जीरो ही हो जाती है। इस कारण चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (Chandigarh-Manali NH) पर यातायात भी प्रभावित हो रहा है।
धुंध के बीच वाहन चलाना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि बहुत ही कम दूरी तक देख पाते हैं, जिस कारण हादसों की संख्या में भी इजाफा होने लग गया है। ऐसे में मंडी जिला पुलिस ने वाहन चालकों को एडवाइजरी जारी करके धुंध में धीमी गति और पूरी सावधानी के साथ चलने की अपील की है। एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि मंडी शहर से लेकर सुंदरनगर से आगे भवाना तक रोजाना धुंध छा रही है, जिस कारण हादसे होने लग गए हैं।
उन्होंने रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक यहां से सफर करने वालों से घर से समय से पहले निकलकर सफर करने की सलाह दी है, ताकि जल्दबाजी में कोई हादसा न हो जाए। इसके साथ ही गाड़ी के फॉग लैंप या फिर हाईवे पार्किंग लाईट जलाकर धीमी गति से चलने की नसीहत भी दी है। इसके साथ ही मंडी-पठानकोट सड़क पर भी पधर तक धुंध छा रही है। इस तरफ जाने वालों को भी पुलिस ने इन्हीं निर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया है।
हर साल सर्दियों के दौरान धुंध के आगोश में समा जाती है बल्हघाटी
बल्हघाटी को मंडी जिला का मिनी पंजाब कहा जाता है। यह जिला का मैदानी इलाका है, जो चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है। यही कारण है कि हर साल सर्दियों के तीन से चार महीने यहां भयंकर धुंध पड़ती है। मौसम साफ होने के बाद भी बल्हघाटी के लोगों को दोपहर 12 बजे के बाद सूर्य देवता के दर्शन होते हैं। इस कारण यहां सामान्य जनजीवन पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है।