बिहार के बगहा में रहने वाले विजय गिरी ने मैजिक धान की खेती करके एक नई पहल की शुरुआत की है. अभी तक इसकी खेती असम के ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर माजुला द्वीप में की जाती है. लेकिन, विजय गिरी ने इसकी शुरुआत हरपुर सोहसा के अपने गांव में कर दी.
विजय गिरी पिछले साल पश्चिम बंगाल के कृषि मेला में गए थे. विजय गिरी ने शुरू में एक एकड़ जमीन पर इसकी शुरुआत की. इस दौरान मैजिक धान ने अपना मैजिक दिखाया और अच्छी पैदावार हो गई. खास बात है कि इसमें रासायनिक खाद की भी जरूरत नहीं पड़ी.
सामान्य ताप पर तैयार हो जाता
मैजिक धान की खासियत ये होती है कि इसे किसी रसोई गैस या चूल्हे पर पकाने की जरूरत नहीं होती है. इसे सामान्य पानी में रखने पर 45 से 60 मिनट के भीतर चावल से भात तैयार हो जाता है. मतलब इसे उच्च ताप पर पकाने की जरूरत नहीं पड़ती.
khet2haat की रिपोर्ट के मुताबिक़, इसकी खेती में लागत भी बहुत नहीं लगती है. इसमें रसायनिक खाद की भी जरूरत नहीं पड़ती है. 150 से 160 दिन में ये तैयार हो जाता है. मार्केट में इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है. इसे 40 से 60 रुपये प्रति किलो बेचा जाता है.
ठंडे पानी में पकने वाले चावल की खेती कर रहे हैं चंपारण के किसान विजय गिरी ——–++++++++++++————–+++ विजय…
Posted by Khet2haat on Friday, 4 September 2020
शुगर फ्री है चावल
मैजिक चावल शुगर फ्री होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन की मात्रा भी सामान्य चावल की तुलना में अधिक होती है. गिरी इसके प्रचार-प्रसार पर भी काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि इसकी जितनी पैदावार होगी, किसानों को उतना फायदा होगा.