बांग्लादेश चुनाव में विपक्ष हिस्सा नहीं ले रहा है. मुख्य विपक्षी नेता ख़ालिदा ज़िया जेल में बंद हैं. प्रधानमंत्री शेख़ हसीना पर कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं. जानिए, वहाँ के चुनाव का हाल.

बांग्लादेश चुनाव में शेख़ हसीना की जीत पहले से तय क्यों मानी जा रही है?

शेख़ हसीना साल 2009 से सत्ता में हैं और वो देश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर रहमान की बेटी है

बांग्लादेश में सात जनवरी को आम चुनाव के लिए मतदान होने जा रहे हैं और इसके परिणाम भी पहले से निश्चित लग रहे हैं.

देश की मुख्य विपक्षी पार्टियां चुनाव का बहिष्कार कर रही हैं और वहीं कई नेता जेल में हैं. इसलिए माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ आवामी लीग लगातार चौथी बार संसदीय चुनाव जीतने जा रही है.

सबसे बड़े विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी दलों का कहना है कि उनका प्रधानमंत्री शेख़ हसीना में भरोसा नहीं है कि वो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएंगी.

उनकी मांग है कि वो पद छोड़ दें और एक तटस्थ अंतरिम सरकार की निगरानी में चुनाव की अनुमति दें. इस मांग को हसीना ख़ारिज कर चुकी हैं. इस कारण बैलट पेपर पर सिर्फ़ आवामी लीग, उनके सहयोगी या स्वतंत्र उम्मीदवार ही नज़र आएंगे.