बैंक में प्रोडक्ट मैनेजर की नौकरी. 15.5 लाख रुपए का सालाना पैकेज. एमबीए की पढ़ाई करने वाले एक स्टूडेंट के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म था. आमतौर पर लोग इससे खुश रहते हैं. मगर, भोपाल के रहने वाले प्रतीक को खेती पंसद थी. जिसके लिए उन्होंने एक मोटी सैलरी वाली अपनी नौकरी को एक झटके में छोड़ दिया.
करीब चार से वो अपनी 5.5 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहे हैं और हर एकड़ से सालाना 1.5 लाख रुपए मुनाफा कम रहे हैं. वो अकेले नहीं हैं. उनके साथ इस काम में 100 से अधिक छोटे-बड़े किसान सक्रिय हैं, जिनकी मदद से वो सीधे ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं. साल 2006 में पुणे से एमबीए करने के बाद प्रतीक को एक प्राइवेट बैंक से नौकरी का ऑफर मिला था, जिसे स्वीकारते हुए उन्होंने बैंक ज्वॉइन किया था.
नौकरी के दौरान अपनी मेहनत और काबलियत के दम पर वो जल्द ही प्रमोशन पाने में सफल रहे. नौकरी छोड़ने से पहले वो प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर पहुंच चुके थे. उनका पैकज 15.5 लाख के आसपास था. एक तरह से प्रतीक की लाइफ सेट थी. मगर उनके अंदर कुछ और चल रहा था. धीरे-धीरे वो अपनी नौकरी से बोर होने लगे. अंतत: उन्होंने नौकरी छोड़ दी और खेती में जुट गए. केमिकल फार्मिंग में लगातार नुकसान के बाद उन्होंने तय किया कि वो ऑर्गेनिक फार्मिंग करेंगे.
अपने इसी फैसले के तहत उन्होंने इससे संबंधित गुर सीखने शुरू कर दिए. जल्द ही उन्होंने खुद को इसके लिए तैयार कर लिया. आगे मेहनत रंग लाई और उन्हें मुनाफा होना शुरू हुआ. आज वो अपने हर एकड़ से साल में 1.5 लाख रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं. दैनिक भास्कर के मुताबिक अगले दो सालों में प्रतीक अपने इस मुनाफे को 4 लाख रुपए प्रति एकड़ तक ले जाने की इच्छा रखते हैं, जिसके लिए वो अब पहले से अधिक मेहनत कर रहे हैं.