पंजाब में आई भीषण बाढ़ के कारण हजारों घर बर्बाद हो गए हैं. एक तरफ जहां कई घर उजाड़ गए तो वहीं इसी भीषण बाढ़ के कारण एक घर की खुशियां वापस लौट आईं. दरअसल, इस बाढ़ ने खोए हुए मां बेटे को मिला दिया है. मां बेटे के मिलन की ये कहानी अब लोगों को हैरान कर रही है.
बाढ़ बचाव कार्य के दौरान बेटे को 35 साल बाद मिली मां
ये कहानी है बाढ़ बचाव स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहे जगजीत सिंह की है. लोगों को बचाते बचाते जगजीत को आखिरकार 35 साल बाद अपनी मां मिल गई. 20 जुलाई को पटियाला के एक गांव में जगजीत अपने नाना-नानी के घर तीन दशक से अधिक समय पहले बिछड़ी अपनी मां हरजीत कौर से मिले. एक दूसरे के सामने आते ही दोनों अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और गले मिलते ही मां-बेटे के आंसू छलक पड़े. उन्होंने इस मुलाकात को फेसबुक पर रिकॉर्ड किया.
मां ने कर ली थी दूसरी शादी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जगजीत छह महीने का था जब उसके पिता की मृत्यु हो गई. उनकी मां हरजीत कौर ने दोबारा शादी कर ली और जगजीत के दादा-दादी उन्हें अपने ले गए. बड़े होने पर जगजीत को ये बताया गया कि उनके माता-पिता की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. कई वर्षों के बाद, उनकी बुआ ने उसे उसकी मां से दोबारा मिलाने में मदद की.
जगजीत ने TOI को बताया, “जब मैं पटियाला में बचाव राहत अभियान में था, मेरी एक बुआ ने मुझे बताया कि मेरी नानी का घर भी पटियाला में है. उन्होंने अस्पष्ट रूप से बताया कि यह बोहरपुर गांव है जहां मेरे नाना-नानी रहते होंगे.”
बुआ ने बताई सच्चाई
उन्होंने आगे बताया कि, “मैंने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया. उन्हें शुरू में संदेह हुआ लेकिन जब उन्होंने बताया कि मेरी मां हरजीत का उसकी पहली शादी से एक बेटा है, तो मैं टूट गया. मैंने कहा कि मैं बदकिस्मत बेटा हूं, जो तीन दशकों से अधिक समय तक अपनी मां को नहीं देख सका.” जगजीत सिंह शादीशुदा हैं. उनकी 14 साल की बेटी और आठ साल का बेटा है. उन्हें पांच साल पहले ही पता चला कि उनकी मां जीवित थी.
उन्होंने कहा कि “बचपन की कुछ तस्वीरें देखने पर मुझे एक तस्वीर में एक महिला दिखी, मुझे नहीं पता था कि वह मेरी मां है. मैं अपने दादाजी से पूछता था और वह मुझे बताते थे कि मेरे माता-पिता की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. मेरे दादाजी एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी थे और दो दशक पहले हरियाणा से पंजाब के कादियान में स्थानांतरित हो गए.
परिवार ने जगजीत से छुपाया सच
उन्होंने कहा, “मेरे पास कोई जानकारी नहीं थी. मेरे दादाजी, ताया (चाचा) और ताई (चाची) सहित मेरे सभी रिश्तेदार जो मेरे माता-पिता के बारे में जानते थे उनका निधन हो गया है.” एक गुरुद्वारे में भक्ति गायक के रूप में काम करने वाले जगजीत ने 2014 में अपने दादा को खो दिया, जिन्होंने उनकी परवरिश में भूमिका निभाई.
जगजीत ने कहा कि, “रब ने मुझे दुनिया की हर चीज दी है. मेरे दादा-दादी ने मेरे लिए बहुत किया. लेकिन मुझे जन्म देने वाली मां, मेरे भगवान से मैं मिला नहीं था. इस बाढ़ ने मुझे मेरी मां मेरे भगवान से मिला दिया.” जगजीत सिंह ने अपनी मां हरजीत कौर से इस मुलाकात को फेसबुक पर शेयर भी किया है. उन्होंने लिखा वह और उनकी मां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और लिपटकर खूब रोए.