न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बाद समाज का बड़ा तबका शिक्षा से हो जाएगा वंचितः डॉ अनिता

नई शिक्षा नीति के तहत जो पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाया जा रहा है वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता है। केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय एनसीईआरटी(NCERT) का पाठ्यक्रम पूरे देश के स्कूलों पर थोप रहा है, जबकि देश में कई राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं। जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत कई खामियां सामने आई है। यह कहना है भारत ज्ञान विज्ञान समिति का। समिति का राष्ट्रीय सम्मेलन मंडी में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में 13 राज्यों के 47 सदस्य भाग ले रहे हैं।

दो दिवसीय इस सम्मेलन में भारत में शिक्षा की चुनौतियों सहित नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की गई। मीडिया से रूबरू होते हुए भारत ज्ञान विज्ञान समिति कार्यकारी परिषद की राष्ट्रीय सदस्य व दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व डीन डॉ अनीता रामपाल ने बताया कि सरकार की नई शिक्षा नीति शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुकूल नहीं है। अगर नई शिक्षा नीति देश में लागू होती है तो एक बड़ा तबका शिक्षा से वंचित हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को केवल तोते की तरह रटाया जाएगा जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि हिमाचल जिसे केरल के बाद सरकारी शिक्षा के लिए सबसे अनुकूल और बेहतर माना जाता था उसने भी केंद्र सरकार के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है और उसी की राह पर चल पड़ा है।

वहीं डॉ अनीता रामपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों को वोकेशनल कोर्स के तहत बांटने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली के नाम पर शिक्षा में अंधविश्वास, रूढ़ियां और सांप्रदायिक ज़हर परोसा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उद्योगपतियों ने खुद को फायदा पहुंचाने के लिए यह नीति बनाई है। नई शिक्षा नीति में 11वीं 12वीं के बच्चे को 16 कोर्स करवाए जाएंगे, जो बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है।

समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि हिमाचल में पिछले 10 सालों में 48 फीसदी बच्चे निजी शिक्षण संस्थाओं का रुख कर चुके हैं। सरकारी स्कूलों में केवल दलित बच्चों की ही संख्या रह गई है। केंद्र सरकार ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर औपचारिक शिक्षा और सरकारी स्कूलों को खत्म करना चाहती है। उन्होंने इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रहे निजीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान विज्ञान समिति इस पर भी कार्य कर रही है।