न्याय यात्रा के दौरान हिंसा के मामले में राहुल, अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज: हिमंत

असम पुलिस ने हिंसा में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी. राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ इस समय असम में है. हिंसा की कथित घटनाएं उस समय हुईं, जब पार्टी समर्थकों और नेताओं ने गुवाहाटी में प्रवेश करने की कोशिश में अवरोधक तोड़ दिए और पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की. गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा ने बताया कि इस झड़प में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि कांग्रेस सदस्यों की ओर से हिंसा, उकसावे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले के अनियंत्रित कृत्यों के संदर्भ में आज राहुल गांधी, के सी वेणुगोपाल, कन्हैया कुमार और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) 143/147/188/283/353/332/333/427, पीडीपीपी (लोक संपत्ति नुकसान निवारण) अधिनियम की धारा तीन के साथ पढ़ा जाए, के तहत मामला दर्ज किया है.

इससे पहले, शर्मा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को अवरोधक तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वे आपराधिक साजिश, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, दंगा करने, लोकसेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करने या हमला करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य अपराधों से संबंधित हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि शर्मा की ओर से उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया जाना इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री के दिल में डर है. गांधी ने यहां एक सभा में कहा कि वे अब उछल-कूद कर रहे हैं, मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं. यह मामला उनके दिलों में डर को दर्शाता है. वे डरे हुए हैं क्योंकि असम के लोग उनके खिलाफ तूफान के रूप में खड़े हैं.

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में भाग लेने वाले कांग्रेस नेताओं और समर्थकों को गुवाहाटी के मुख्य मार्गों पर प्रवेश करने से रोकने के लिए राजमार्ग पर अवरोधक लगाए गए थे. कांग्रेस समर्थकों ने जब अवरोधक हटाए तो पुलिसकर्मियों के साथ उनकी झड़प हो गई. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया को चोटें आईं.

असम में कांग्रेस की न्याय यात्रा का कल छठा दिन था. राहुल गांधी ने बस के ऊपर खड़े होकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों ने अवरोधक हटा दिए हैं, लेकिन ‘हम कानून नहीं तोड़ेंगे’. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को इसी रास्ते यात्रा निकालने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कांग्रेस को अनुमति नहीं दी गई. गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को ‘बब्बर शेर’ करार देते हुए कहा कि आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कमजोर हैं. हमने अवरोधक हटा दिए हैं.

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के भाषण का एक वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि प्रमाण सामने आ रहे हैं कि किस प्रकार से राहुल गांधी और जितेंद्र सिंह ने भीड़ को असम पुलिस के जवानों को मारने के लिए भड़काया. हमारे जवान जनता के सेवक हैं, किसी शाही परिवार के नहीं. निश्चिंत रहिए, कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, आप तक जरूर पहुंचेंगे. बोरा ने कहा कि गुवाहाटी शहर पुलिस ने बशिष्ठ थाने में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की.