नाहन में हाटी कबीले की गूंज, ‘साड़ा हक, ऐत्थे रख’…सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के गिरिपार (Giripaar) क्षेत्र के हाटी कबीले (Haati tribe) को अनुसूचित जनजाति के दर्जे का मामला तूल पकड़ने लगा है। मंगलवार को केंद्रीय हाटी समिति के आह्वान पर हाटी कबीले का जनसमूह ऐतिहासिक चौगान (Chowgan Ground Nahan) मैदान में उमड़ा। इस दौरान प्रदर्शन की अग्रिम पंक्ति में हाटी कबीले की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में भी नजर आई। समिति की एक सूत्रीय मांग थी….‘‘हाटी अधिनियम लागू हो’’।

ऐतिहासिक चौगान मैदान में उमड़ा जनसमूह

चौगान मैदान में केेंद्रीय हाटी समिति के सुरेंद्र हिन्दुस्तानी ने ये साफ करने का प्रयास किया कि ये गैर राजनीतिक मंच है। हिन्दुस्तानी ने कहा कि केंद्रीय समिति की कमान दिवंगत ठाकुर गुमान सिंह भी संभाल चुके हैं। इसके अतिरिक्त मंच पर कल्याण सिंह पुंडीर भी मौजूद थे।

मंच पर महामंडलेश्वर दयानंद भारती ने भी केंद्रीय हाटी समिति की मांग को सही ठहराया। वक्ताओं ने कहा कि दशकों के संघर्ष के बाद हक मिला है, लेकिन इसे धरातल पर नहीं दिया जा रहा है। वक्ताओं का ये भी कहना था कि आने वाले समय में संघर्ष को तेज किया जाएगा।

मंच से संबोधन करते  केेंद्रीय हाटी समिति के सुरेंद्र हिन्दुस्तानी

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा हाटी कबीले को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं, लेकिन राज्य स्तर पर कानूनी पेंच अड़ा हुआ है। हालांकि, उच्च न्यायालय के आदेश पर अनुसूचित जनजाति के अस्थाई प्रमाणपत्र जारी हो रहे हैं।

हाल ही में कमरऊ व शिलाई से तीन विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र  जारी किए गए। चौगान मैदान में संबोधन के दौरान महिला नेत्री सीमा चौहान ने कहा कि हरेक विद्यार्थी उच्च न्यायालय में जाकर प्रमाणपत्र नहीं ले सकता। हमें अस्थाई नहीं, बल्कि स्थाई प्रमाणपत्र चाहिए।

चौगान मैदान में जनसमूह ने हाटी अधिनियम को तुरंत लागू करने की तख्तियां भी उठाई हुई थी। वक्ताओं ने कहा कि 55 साल से संघर्ष किया गया है। केंद्र में भी इस बात को लेकर हर कोई आश्चर्यचकित रहता था कि बगैर तोड़फोड़ व उग्रता के आंदोलन को चलाया गया।

  केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों से बात करते डीसी व उमड़ा सैलाब।  

आखिर में आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से अनुशासन में रहते हुए उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली। इसके बाद उपायुक्त परिसर में दोपहर तक डटे रहे। राज्य सरकार को जल्द से जल्द हाटी अधिनियम लागू करने की मांग से जुड़ा ज्ञापन भी भेजा गया।

उपायुक्त परिसर में करीब पौने दो बजे तक प्रदर्शन जारी रहा। उपायुक्त सुमित खिमटा ने कार्यालय से बाहर आकर केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों से बात की। इसके बाद ही केंद्रीय हाटी समिति का प्रदर्शन व धरना खत्म हुआ। उपायुक्त ने प्रदर्शनकारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

दीगर है कि सोमवार को उद्योग मंत्री से भी हाटी अधिनियम (Haati Act) को लागू करने को लेकर मीडिया द्वारा सवाल पूछा गया था, इस पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा था कि केंद्र से स्पष्टीकरण मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।