अपनी आवाज देकर चंद्रयान-3 को विदा करने वाली इसरो वैज्ञानिक एन वलारमथी (ISRO Scientist N Valarmathi Passes Awa) अब हमारे बीच में नहीं हैं. बीते दो सितंबर की शाम को उनका निधन हो गया. उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ. वलारमथी की एक पहचान यह भी है कि वह देश के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक भी थीं. उनके निधन पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण समेत ने गहरा दु:ख जताया है.
Chandrayaan-3 से जुड़ी साइंटिस्ट का निधन
वेंकटकृष्ण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म’एक्स’ (पहले ट्टिटर) पर लिखा, ‘श्रीहरिकोटा से इसरो के आगामी मिशनों में अब वलारमथी मैडम की आवाज सुनाई नहीं देगी. मिशन चंद्रयान-3 उनका अंतिम काउंटडाउन था. उनके निधन से गहरा दुख हुआ है. जानकारी के मुताबिक वलारमथी ने आखिरी घोषणा 30 जुलाई को की थी.
कौन थीं ISRO Scientist N Valarmathi?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एन वलारमथी तमिलनाडु की रहने वाली थीं. उनका जन्म 31 जुलाई, 1959 को अरियालुर में हुआ था. शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 1984 में ISRO को जॉवाइन किया था और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के कई मिशन में काम किया. 2015 में उन्हें अब्दुल कलाम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वो अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज लोगों के कानों में हमेशा गूंजती रहेगी. वलारमथी को को विनम्र श्रद्धांजलि. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.