हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। 15 हजार से अधिक कर्मचारियों को मई महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं मिल पाई है, जिसमें अकेले साढ़े 11 हजार एचआरटीसी के कर्मचारी है, जबकि वन निगम, श्रम एवं रोजगार, मेडिकल कॉलेज और जल शक्ति विभाग के कुछेक आउटसोर्स कर्मचारियों को भी इस बार सैलरी नहीं दी गई है, जिससे कर्मचारी परेशान है। वहीं अब कर्मचारियों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ड्राइवर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। हर महीने सैलरी समय पर नहीं मिल रही है। 11 हजार एचआरटीसी के कर्मचारियों के अलावा 8 हजार पेंशनर को पेंशन नहीं मिली है। सरकार आर्थिक बदहाली का रोना रो रही है। अगर स्थिति इतनी खराब है तो हिमाचल के सभी कर्मचारियों को सैलरी देरी से दी जाए हर बार एचआरटीसी के कर्मचारी ही क्यों पीसते रहें।हिमाचल की ट्रैज़री 1000 करोड़ रुपए के ओवर ड्रॉफ्ट चल रही है।
हालांकि सरकार ने 800 करोड़ का लोन अप्लाय कर दिया है। इस लोन के अकाउंट में आने के बाद भी सरकारी खजाना 200 करोड़ के ओवर ड्राफ्ट में रहेगा। यही वजह है कि विभिन्न बोर्ड, निगम और कुछ विभागों के कर्मचारियों को भी सैलरी नहीं मिल पा रही।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और केंद्र सरकार ने भी कर्ज की सीमा को घटा दिया है। ऐसे में सुक्खू सरकार बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर काबू पाने के लिए संसाधनों को जुटाने में लगी है। आज या कल में कर्मचारियों को सैलरी मिल जाएगी।