बीते दिनों प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और पदोन्नति को लेकर नए आर एंड पी रूल की अधिसूचना जारी की है। इसी कड़ी में प्रदेश में शास्त्री डिग्री होल्डर लोगों के लिए भी बीएड की अनिवार्यता कर दी गई। जिसको लेकर शास्त्री संगठन लगातार सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं।
शनिवार को हिमाचल की राजधानी शिमला में डीसी कार्यालय के बाहर शास्त्री संगठन के लोगों ने जमकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। शास्त्री संगठन ने सरकार से नए आर एंड पी नियमों को निरस्त करने की मांग की है। बेरोजगार शास्त्रीय संघ के प्रधान लेखराज शर्मा ने बताया की बीते 11 तारीख को हिमाचल सरकार ने सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और पदोन्नति को लेकर नई अधिसूचना जारी की।
इस दौरान सरकार ने एमसीडी का हवाला देते हुए नए नियम बना दिए, जिसमें सरकार ने नौकरियों के लिए बीए संस्कृत, एमए संस्कृत, बीएड की अनिवार्यता कर दी। जबकि इससे पहले शास्त्री डिग्री होल्डर लोगों के लिए केवल टेट की आवश्यकता होती थी। ऐसे में नए नियम बनाकर अब शास्त्री डिग्री होल्डर लोगों पर थोंपे जा रहे हैं, जो सरासर गलत है। संघ ने मांग उठाते हुए कहा कि सरकार को शास्त्रियों की नियुक्ति पुराने नियमों के आधार पर ही करनी चाहिए और नए आर एंड पी नियमों को निरस्त कर देना चाहिए।
वहीं, बेरोजगार संघ ने कहा कि शास्त्रियों की नियुक्ति पुराने आधार पर होनी चाहिए, लेकिन सरकार उन पर रोज नए-नए नियम थोप रही है। शास्त्री संघ जब उच्च अधिकारियों से मिले तो उन्होंने भी संगठन के प्रति सही रवैया नहीं दिखाया। इस दौरान संघ के लोग प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव पर भी जमकर भड़के। शिक्षा सचिव के रवैया से नाखुश शास्त्री बेरोजगार संघ ने खुद शिक्षा सचिव को भी बीएड की पढ़ाई करने का न्योता दे दिया।