तमिलनाडु में शुरू हुई अवनियापुरम जल्लीकट्टू प्रतियोगिता, जानें क्या है प्रथम पुरस्कार और खेल के नियम

पोंगल त्योहार के पहले दिन को बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. पोंगल के लिए मशहूर मदुरै के ‘अवनियापुरम जल्लीकट्टू’ मैदान पर जल्लीकट्टू का आयोजन हो रहा है. अवनियापुरम जल्लीकट्टू 1000 चयनित सांडों और 600 सांडों को काबू करने वालों के साथ शुरू हो गया है. यह जल्लीकट्टू प्रतियोगिता थिरुपरंगुनराम रोड पर स्थित मंथैयाम्मन मंदिर के सामने बने वाडिवासल में आयोजित की गई है.

8 राउंड में जल्लीकट्टू: यह प्रतियोगिता शाम 4 बजे तक कम से कम 8 राउंड में आयोजित होगी. प्रत्येक राउंड में 50 से 75 सांडों को काबू करने वाले भाग लेंगे. जो खिलाड़ी प्रत्येक राउंड में अधिकतम संख्या में सांडों को पकड़ते हैं उन्हें अगले राउंड में खेलने की अनुमति दी जाती है. अवनियापुरम जल्लीकट्टू प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए 1000 सांडों और 600 सांडों को काबू करने वालों का चयन किया गया है.

प्रथम पुरस्कार ‘कार’: सुबह-सुबह चिकित्सा परीक्षण के बाद, चयनित व्यक्तियों और सांडों को मैदान में उतरने की अनुमति दी गई. प्रथम पुरस्कार पाने वाले सांड के मालिक और सबसे अधिक संख्या में सांड को काबू करने वाले को कार इनाम के रूप में मिलेगी.

कड़ी सुरक्षा: घायल सांडों और सांडों को पकड़ने वाले प्रतिभागियों के लिए स्वास्थ्य विभाग और पशु चिकित्सा विभाग की ओर से विशेष प्राथमिक चिकित्सा उपचार के लिए चिकित्सा शिविर लगाये गये हैं. एंबुलेंस भी स्टैंड बाई पोजीशन में तैयार हैं. जानकारी के मुताबिक मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में भी आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं.

इसके लिए भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के स्वयंसेवकों को वडिवासल (वह स्थान जहां सांडों को छोड़ा जाएगा) के पास तैनात किया गया है. मदुरै पुलिस की ओर से 800 से ज्यादा कांस्टेबल तैनात किये गये हैं.

जल्लीकट्टू के नियम और कानून: ऐसे नियम हैं कि सांड के सींग या पैर को पकड़ना जायज नहीं माना जाता है. प्रतिभागियों को केवल सांड के ‘थिमिल’ को पकड़ने की इजाजत रहती है.