जैसलमेर में दो कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद राजधानी जयपुर में भी दो नए मामले सामने आए हैं

New Corona Cases In Rajasthan In Last 24 Hours Today: राजस्थान में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। जैसलमेर में दो कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद राजधानी जयपुर में भी दो नए मामले सामने आए हैं। कोरोना के नए वैरिएंट jn 1 की आशंका ने लोगोें की चिंता भी बढ़ा दी है।

कोरोना वायरस
जयपुर: कोरोना के नए वैरिएंट की एंट्री अब जयपुर में हो गई है। दो दिन पहले जैसलमेर में दो मरीज सामने आए थे जिसके बाद चिकित्सा विभाग ने ज्यादा एहतियात बरतनी शुरू की। राजधानी जयपुर में कोरोना के दो मरीज सामने आए हैं। एक मरीज सवाई मानसिंह अस्पताल में और दूसरा जेके लोन अस्पताल में चिन्हित किया गया है। एक मरीज भरतपुर का और दूसरा झुंझुनूं का रहने वाला बताया जा रहा है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में इन दोनों मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है।

सतर्कता बढ़ाई, 26 को होगी मॉकड्रिल

प्रदेश में कोरोना के 4 नए मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग की ओर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर शिवप्रसाद नकाते की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी कोरोना को काबू करने का प्रयास करेगी। नकाते ने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सैंपल टेस्ट, मेडिसिन, बेड और ऑक्सीजन की सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की सुविधाओं में जांच के लिए 26 दिसंबर को मॉक ड्रिल की जाएगी।

मरीजों के लिए होम आइसोलेशन

चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर भारत सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार गाइड लाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं। जयपुर में मिले दोनों मरीजों को अस्पताल में रखा गया है जबकि जैसमेलर में पाए गए दोनों मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जैसलमेर के जिला कलेक्टर बीएल बुनकर ने बताया कि दोनों युवकों को क्वारेंटाइन किया गया है। दोनों मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजे गए हैं।

नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं

स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि कोविड का नया सब वैरिएंट सॉर्स कॉव-2 जेएन-1 ज्यादा खतरनाक नहीं है। इस सब वैरिएंट से पॉजिटिव हुए 90 फीसदी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किए जाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रखते हुए सामान्य उपचार किया जा सकता है। इस सब वैरिएंट से ज्यादा घबराने या भयभीत होने की जरुरत