जनजातीय क्षेत्र के लोगों को सरकार ने दी राहत, 805 रुपए क्विंटल मिलेगी सर्दी के लिए बालन

सर्दी के मौसम में जनजातीय क्षेत्रों में दी जानी बालन (फ्यूल वुड) की बढ़ी हुई कीमतों में सरकार ने लोगों को राहत देने का निर्णय किया है। वन निगम ने बालन की कीमते 1300 रुपए से अधिक प्रति क्विंटल कर दी थी, जिसमें राहत देते हुए सरकार ने अब वन निगम को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। स्थानीय लोगों को 805 रुपए प्रति क्विंटल बालन मुहैया करवाने का निर्णय लिया है। राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर यह जानकारी दी।

जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा के बावजूद सरकार लोगों को राहत देने का कार्य कर रही है। सर्दी के मौसम में जनजातीय क्षेत्रों में बालन का काफ़ी इस्तेमाल होता है, इसलिये सरकार ने लोगों को दाम कर राहत दी है। इसके अलावा जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार आइसलैंड की कंपनी के साथ एक  एमओयू साइन करने जा रही है, जिसके मुताबिक कंपनी किन्नौर में जियो थर्मल से कोल्ड स्टोर का निर्माण करेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह निर्माण होगा और अगर परिणाम सही रहे तो प्रदेश के अन्य जगहों पर भी सस्ती दरों में कोल्ड बनाए जाएंगे जिससे किसानों बागवानों को फायदा होगा।

राजस्व मंत्री जगत नेगी ने बताया कि NH-5 सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत चीन बॉर्डर के लिए इस सड़क का अहम रोल है। जिसमें नाथपाके पास लगातार लैंड स्लाइड आ रहे हैं।अभी भी तीन हफ़्ते से एनएच बंद पड़ा है। जिसकी वजह से सेना के साथ-साथ किसानों बागवानों को परेशानी पेश आ रही है।

पीएम हवाई मार्ग से लिपचा पहुंचे थे। यदि सड़क मार्ग से आते तो उनको भी इसका पता चलता। एनएच-5 को ठीक करने में केन्द्र ध्यान नही दे रहा है। यदि केन्द से काम नही होता है तो राज्य को पैसा दें वह सड़क दुरुस्त कर लेंगे। उन्होंने ये भी माना कि अवैज्ञानिक तरीके से कटिंग व विकास की अंधी दौड़ भी ऐसे लैंड स्लाइड की वजह है।