आज के दौर में बचपन भी पहले के मुकाबले बहुत बदल गया है. बच्चों के खेल से लेकर उनके मनोरंजन के साधन तक बदल गए हैं. हालांकि कुछ चीजें हैं जो अपना नाम और लुक बदल कर आज के बच्चों को भी ठीक वैसे ही लुभाती हैं जैसे पहले के समय में लुभाया करती थीं. इन्हीं में से एक है बुढ़िया के बाल या फिर आज के बच्चों के लिए कॉटन कैंडी.
क्या आप भी हैं कॉटन कैंडी के दीवाने?
अब तो लोग घर में भी कॉटन कैंडी बनाने की मशीन रखने लगे हैं. इसकी मदद से लोग घर पर ही बच्चों के लिए टेस्टी और फ्लफी शुगर कॉटन कैंडी बना लेते हैं. ये सिर्फ बच्चों की ही नहीं बल्कि बड़ों की भी पसंदीदा है. आज भले ही लोग अपनी किटी पार्टी या हाउस पार्टी के लिए झट से कॉटन कैंडी बना लेते हैं. लोग इसके लिए हाई क्वालिटी मशीन का इस्तेमाल करते हैं जो प्रीमियम मटेरियल से बनी होती हैं.
साइकिल वाले भईया का करते थे इंतजार
लेकिन एक समय था जब बच्चों को इस कॉटन कैंडी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था. जब एक साइकिल वाला अपने साइकिल पर बड़ी सी मशीन लिए आता और टन…टन…टन घंटी बजाता. इस आवाज को सुनते ही बच्चे उसकी तरफ दौड़े चले आते थे. फिर बच्चे खुश होकर अलग-अलग रंग वाले कॉटन कैंडी खरीदते और इसे खाने के बाद सबको अपनी रंगी हुई जीभ दिखाते.
ये बात और है कि अब ना वो साइकिल वाला नजर आता है और ना साइकिल पर बनने वाली वो कॉटन कैंडी. बाजार में भले ही कई ब्रांड के कॉटन कैंडी के पैक्ड डिब्बे मिलते हों लेकिन उस कॉटन कैंडी का स्वाद कहीं नहीं मिलता जो वो साइकिल वाला बेचने आता था. बचपन में इसे कई नामों से जाना जाता था, कोई इसे हवा-हवाई कहता था तो कोई बुढ़िया के बाल. इसे लेकर ये भी एक मिथ था कि इसे बुढ़िया के बाल से बनाया जाता है !
क्यों कहते थे इसे बुढ़िया के बाल?
रुई जैसी ये मीठी चीज इतनी सॉफ्ट होती है कि मुंह में रखते ही घुल जाती है. आज भी 90 के दशक के बच्चे इसे बुढ़िया के बाल ही बोलते है. लेकिन सोचने वाली बात है कि इसे बुढ़िया के बाल क्यों बोला जाता था? इसे लेकर आपके मन में कभी ना कभी तो सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर इसे क्यों बुढ़िया के बाल बोलते थे.
क्या सच में इस कैंडी का बालों से कोई संबंध है? अगर आपको अब भी ये सवाल परेशान करता है तो जान लीजिए कि इस कैंडी का बुढ़िया के बाल से कोई संबंध नहीं है. इसका ये नाम सिर्फ इसलिए पड़ा जिससे कि इसकी आदत ना बने. मम्मी-पापा इसलिए भी इसका ये नाम लेते थे जिससे बच्चों को इसकी आदत ना लगे और वो इसे रोजाना खाने की जिद्द ना करें! ये महज एक नाम है, इसके सिवा इसका इस कैंडी से कोई संबंध नहीं.