2023 भारतीय स्पेस अनुसन्धान एजेंसी इसरो के लिए ऐतिहासिक रहा. 23 अगस्त को भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 चांद पर सॉफ्ट लैंड करने में सफ़ल रहा. भारत से पहले जहां 3 और देश चांद पर सॉफ्ट लैंड कर चुके थे वहीं चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना. इसरो की इस उपलब्धि की दुनिया भर में चर्चा। कई देशों के लीडर्स और नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने भारत को बधाई सन्देश भेजे.
हालांकि, अब चीन के जाने-माने वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत कभी चांद के साउथ पोल पर उतरा ही नहीं.
चीन के पहले मून मिशन का हिस्सा रहे साइंटिस्ट ओउयांग जियुआन का दावा है कि भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड नहीं किया था. जियुआन ने कहा कि ऐसा कहना गलत होगा कि भारत का चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। South China Morning Post की रिपोर्ट के अनुसार, साइंटिस्ट्स ने कहा कि ये न तो साउथ पोल पर था, न साउथ पोलर रीजन में और न ही अंटार्कटिक पोलर क्षेत्र में. जियुआन का कहना है कि भारत का चंद्रयान-3 दक्षिणी गोलार्ध में लैंड हुआ है. जियुआन ने ये बयान Science Times को दिया.
साइंटिस्ट का कहना है कि चंद्रयान-3 रोवर दक्षिण में 69 डिग्री अक्षांश पर लैंड हुआ है. यह क्षेत्र चांद के दक्षिणी गोलार्ध में जरूर है, लेकिन पोल पर नहीं है. जबकि चांद का पोलर क्षेत्र 88.5 से 90 डिग्री के बीच माना जाता है.
इस मामले में युरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग को ठीक साउथ पोल पर नहीं कहा जा सकता। एजेंसी का कहना है कि साउथ पोल पर लैंड करना बहुत मुश्किल है क्योंकि ये चांद के Shackleton Crater एरिया में आता है. क्योंकि चांद का पोलर क्षेत्र 80 से 90 डिग्री के बीच बताया जाता है. इस लिहाज से भी चंद्रयान-3 पोलर क्षेत्र के बाहर ही लैंड हुआ है. लेकिन यह लैंडिंग बहुत ऊंचे अक्षांश पर हुई बताई गई है जहां अबतक कोई देश नहीं पहुंच पाया है.
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