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आज दुनिया में कई सुपर कार हैं, लेकिन अगर स्पोर्ट्स कार की बात करें तो सबसे पहला नाम लैंबॉर्गिनी (Lamborghini) का आता है. जिसके बनाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है. एक किसान के बेटे ने अपनी रेसिंग कार के सपने को पूरा करने के लिए लैंबॉर्गिनी कार बनाकर दुनिया को एक बेहतरीन सुपर कार दिया था.
दरअसल, फेरुचियो लैंबॉर्गिनी ने दुनिया को पहली सुपर कार दी, जिनका जन्म 28 अप्रैल 1916 को इटली के एक किसान परिवार के यहां हुआ था. बचपन से ही फेरुचियो को मशीनों से बेहद गहरा लगाव था. जिसकी वजह से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का फैसला किया.
Ferruccio Lamborghini
जॉब छोड़ खोला खुद का गैराज
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद फेरुचियो को एयरफोर्स में जॉब मिल गई. लेकिन सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद फेरुचियो लैंबॉर्गिनी ने नौकरी छोड़ने का फैसला किया और वापस घर आ गए.
आगे, साल 1947 में फेरुचियो ने खुद का एक गैराज खोल दिया. इसके बाद साल 1948 में उन्होंने अपना पहला ट्रैक्टर बाजार में उतारा. किसान के बेटे ने कैरिओका नाम से जो ट्रैक्टर बनाया वो काफी लोकप्रिय हुआ. जिसके बाद फेरुचियो ने एक ट्रैक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी की स्थापना की.
लैंबॉर्गिनी बनाने के पीछे की दिलचस्प वजह
फेरुचियो को हमेशा से स्पोर्ट्स कार का बहुत शौक था. उनका सपना था कि उनके पास भी एक स्पोर्ट्स कार हो, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने फेरारी की एक कार खरीदी. लेकिन उन्हें उसमें कुछ खामियां नजर आई. जिसके लिए फेरुचियो ने फेरारी के फाउंडर एंजो फेरारी से बात कर उनको ठीक करने को कहा. मगर, फेरारी ने उनकी बात को नज़रअंदाज कर दिया. इससे फेरुचियो लैंबॉर्गिनी को काफी गहरी ठेस पहुंची. उन्होंने खुद एक स्पोर्ट्स कार बनाने का फैसला किया.
इसके बाद साल 1963 में फेरुचियो ने अपनी अहली स्पोर्ट्स कार 350GTV मार्केट में उतारी, जिसे काफी पसंद किया गया.
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स्पोर्ट्स कार बनाने में कामयाबी हासिल करने के बाद फेरुचियो लैंबॉर्गिनी एक सुपर कार बनाने की ठानी. जिसके लिए इटली के कार डिजाइनर न्युचियो बर्टन ने एक कार की डिजाइन की. जिसकी मदद से फेरुचियो ने सुपर कार बनानी शुरू की.
साल 1966 में फेरुचियो ने दुनिया की सबसे पहली सुपर कार लैंबॉर्गिनी मिउरा को मार्केट में उतारा. जिसने स्पोर्ट्स कारों में धूम मचा दी. वहीं जीतन लैंबॉर्गिनी के बनने की कहानी दिलचस्प है उतना ही रोचक है लैंबॉर्गिनी के लोगो के बनने की दास्तां.
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दरअसल, फुरुचियो लैंबॉर्गिनी चाहते थे कि उनकी सुपर कार का लोगो काफी आसान हो जो लोगों के दिमाग पर छा जाए. एक दिन वो वहां थे जहां बुल फाइटिंग के लिए तैयार किया जाता है. यहां बुल्स को देखने के बाद उनके मन में फाइटर बुल को अपने कार का लोगो बनाने का आइडिया आया. आज कई लैंबॉर्गिनी के दीवाने हैं और उसे खरीदना चाहते हैं.