केन्द्रीय विद्यालय की छात्रा विदुषी को सकुरा एक्सचेंज साइंस प्रोग्राम (Sakura Exchange Science Program) के तहत जापान (Japan) जाने का मौका मिला। विदुषी केन्द्रीय विद्यालय नलेटी में कक्षा बारहवीं विज्ञान की होनहार छात्रा है। विदुषी कक्षा दसवीं में विद्यालय की टॉपर थी। विदुषी का जापान की छह दिवसीय शैक्षिक यात्रा (Six Day Educational Tour) के लिए चयन दसवीं के अंक और विद्यालय में आयोजित होने वाले ओलंपियाड (Olympiad) में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर हुआ था।
यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। इस शैक्षिक यात्रा के लिए पूरे भारत वर्ष से 57 बच्चों का चयन हुआ था। शैक्षिक यात्रा के दौरान विदुषी को जापान के ओसाका शहर (Japan’s Osaka city) का भ्रमण करवाया गया। क्योटा शहर (kyota city) की म्युनिसिपल हॉरिकावा हाई स्कूल (Municipal Horikawa High School) का भ्रमण करवाया, जहां उसे जापानी विद्यार्थियों से वार्तालाप करने का अवसर मिला। वहां के प्रसिद्ध कियोमिजू डेरा मंदिर, टेंपल ऑफ प्योर वाटर स्प्रिंग नाम से प्रसिद्ध बुद्धिष्ट मंदिर के भी दर्शन करवाए। विदुषी ने ओसाका की प्लांट फैक्ट्री (plant factory) का भी भ्रमण किया। इसके साथ ही विदुषी को भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाओं के समय किस तरह बचाव किया जाता है के संबंध में बहुत ही सरल तरीके से जानकारी दी गई।
विदुषी को क्योटा यूनिवर्सिटी (kyota university) के भ्रमण का भी अवसर प्राप्त हुआ। क्योटा यूनिवर्सिटी का नाम एशिया की अच्छी यूनिवर्सिटियों में आता है। यह यूनिवर्सिटी एशिया (Asia) में नौवां स्थान रखती है। इस यूनिवर्सिटी के 11 स्नातको को नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) मिला है। इस क्योटो विश्वविद्यालय के बायो केमिस्ट्री (bio chemistry) के प्रोफेसर हिरोशी कितागावा का भाषण सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ। क्योटा शहर के हाइड्रो प्लांट का भ्रमण करवाकर वहां की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया गया।
अपनी यात्रा की समाप्ति के बाद बालिका विदुषी बेहद ही प्रसन्न है। विद्यालय और अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा किया, जिनके मार्गदर्शन में मुझे विदेश (Foreign) जाने का मौका मिला। विदुषी अब अपनी कक्षा बारहवीं की पढ़ाई में जुट गई है। प्राचार्या महोदया शशि कला कटोच ने बहुत ही हर्षित और गर्वित होकर कहा कि हमारे विद्यालय की बालिका विदुषी का जापान देश में शैक्षिक भ्रमण पर जाना गर्व की बात है। इससे विद्यालय के अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे स्वस्थ शैक्षिक वातारण में ज्ञानार्जन करेंगे।