कभी एक पौधा लगाना नहीं आता था, आज बालकनी में 500 पेड़ लगाकार मानसी ने बना दिया ‘मिनी फ़ॉरेस्ट’

कोविड की वजह से पूरी दुनिया घरों में कैद हो गई. ऑफिस जाने वालों को घर से काम करने की आदत डालनी पड़ी, वर्क फ़्रॉम होम न्यू नॉर्मल बन गया. पुणे की मानसी दानुखे (Manasi Danukhe) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. घर से काम करना सुनने में आसान तो लगता है लेकिन घर पर भी एक शांतिपूर्ण वातावरण में ही काम किया जा सकता है. और इसका तोड़ निकाल लिया मानसी ने. उन्होंने अपनी बालकनी में ही पेड़-पौधे लगाकर मिनी फ़ॉरेस्ट तैयार कर दिया.

पौधा लगाना नहीं आता था, जंगल तैयार कर दिया

mansi danukhe pune techie mini forest The Better India

The Better India के लेख के अनुसार, 2016 तक मानसी ने एक पौधा तक नहीं लगाया था. हरी-भरी जगहों के सफ़र ने अंदर पेड़-पौधों को लेकर जिज्ञासा जगाई. मानसी ने बताया, ‘मेरे पार्टनर एक वाइल्डलाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र हैं और जब हम साथ रहने लगे तब हमें एक साथ पौधे लगाने की जगह और वक्त मिला.’

2-3 पौधों से की शुरुआत

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मानसी और उनके पार्टनर ने ढेर सारे पेड़-पौधे लगाने के लिए दो बालकनी वाला घर खोजा. दोनों ने सिर्फ़ 2-3 पौधों के साथ अपनी गार्डनिंग जर्नी की शुरुआत की. धीरे-धीरे इन खुशियों से भरे गमलों की संख्या बढ़ने लगी. गौरतलब है कि मानसी की शुरुआत बहुत संतोषजनक नहीं थी. वे बाग-बगीचे, नर्सरीज़ से जो पौधे सुंदर लगते उन्हें खरीद लेती थीं लेकिन वो पौधे कुछ दिन में ही मर जाते थे. इसके बाद मानसी ने पौधों के बारे में, प्लांटिंग के तरीकों के बारे में रिसर्च करना शुरू किया.

डेटा साइंटिस्ट से प्लांट पैरेंट तक का सफ़र

Mansi Danukhe The Better India

मानसी पेशे से डेया साइंटिस्ट थीं. नया डेटा बनाने के लिए पुराने डेटा को ध्यान में रखती थीं और यही थ्योरी उन्होंने अपने गार्डन में भी अप्लाई की. सबसे पहले उन्होंने पौधों के मरने के पीछे के कारण का पता लगाया. उनके पौधे- तेज़ धूप, ज़्यादा पानी, कीड़े-मकोड़े आदि की वजह से मर रहे थे. इसके बाद उन्होंने सावधआनी से पौधे और खाद का चयन किया. पौधों को तेज़ धूप से बचाने के लिए ग्रीन शेड और कीड़े-मकोड़ों से बचाने के लिए नीम के पानी का प्रयोग किया.

घर में पौधों के लिए ज़्यादा जगह बनाई

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पहले तीन साल गलतियां करने और सीखने में बीते. धीरे-धीरे वे प्रकृति को पहले से बेहतर तरीके से समझने लगीं.  मानसी ने अपने घर में पौधों के लिए ज़्यादा जगह बनाना शुरू किया. मानसी कहती हैं, ‘Succulents को ज़्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. एक हफ़्ते में एक बार पानी काफ़ी है, ज़्यादा पानी देने से वो मर जाएंगे.’

मानसी का कहना है कि लॉकडाउन उनके पौधों के लिए वरदान साबित हुआ. इस जोड़े ने पौधों के साथ ज़्यादा वक्त बिताया और अपने घर में पौधों की संख्या भी बढ़ाई. मानसी के मिनी फ़ॉरेस्ट में 10 से ज़्यादा प्रकार के फूल, कई प्रकार के फ़र्न्स, 50 हैंगिंग प्लांट्स आदि लगे हैं. पहले मानसी अपने सोसाइटी में ऑर्गैनिक खाद जमा करती थी लेकिन अब वो खुद ही कम्पोस्टिंग करती हैं. मानसी की बालकनी में 500 से ज़्यादा पौधे हैं.