ई-टैक्सी के लिए फिर से बदली एसओपी, अब दसवीं पास आवेदक के लिए दस की बजाय सात साल का ड्राइविंग एक्सपीरियंस जरूरी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी की चुनाव पूर्व गारंटियों में से एक स्टार्टअप योजना की शुरुआत तो कर दी, लेकिन इसके नियमों में फिर से बदलाव किया गया है. राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 के तहत अब आवेदक युवा अगर दसवीं पास है तो उसके पास सात साल का वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए. पहले दसवीं पास युवा के लिए वाहन चलाने के अनुभव की शर्त दस साल की थी.

नियम में बदलाव पर दोबारा करना होगा आवेदन: परिवहन विभाग के पोर्टल पर इस योजना के तहत करीब 600 युवाओं ने ई-टैक्सी के लिए आवेदन कर दिया है, लेकिन इस शर्त में बदलाव के बाद उन्हें फिर से आवेदन करना पड़ सकता है. नई नोटिफिकेशन के अनुसार अगर आवेदक युवा दसवीं पास भी नहीं है तो उसके पास गाड़ी चलाने का कम से कम दस साल का अनुभव होना चाहिए. पहले की एसओपी के अनुसार प्लस टू पास युवा के पास सात साल का और दसवीं पास युवा के पास दस साल का वाहन चलाने का अनुभव तय था. फिलहाल, बाकी के नियम वही रहेंगे.

आवेदन के लिए नियम: बाकी के नियमों के अनुसार आवेदक का हिमाचली बोनाफाइड सर्टिफिकेट जरूरी है. इसके अलावा एक परिवार से एक ही युवा आवेदन कर सकता है. आवेदन करने वाले की आयु न्यूनतम 23 साल होनी चाहिए. आधार कार्ड, वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस, अनइंप्लॉयमेंट सर्टिफिकेट के अलावा एससी, एसटी अथवा अन्य जो भी वर्ग के हो, उसका सर्टिफिकेट जरूरी है. इस योजना के तहत राज्य सरकार पात्र युवाओं को टैक्सी खरीद के लिए अनुदान प्रदान करेगी. सरकारी विभागों के साथ इस योजना को अटैच किया गया है.योजना पर 680 करोड़ खर्च: वर्तमान में करीब 111 सरकारी विभाग ई-टैक्सी हायर करने के लिए इच्छुक हैं. सरकार ने इस योजना के तहत कुल 680 करोड़ खर्च करने का ऐलान किया है. इससे युवाओं को हर महीने एक निश्चित आय होगी. पहले चरण में 500 ई-टैक्सियां सरकारी विभागों के साथ जोड़ी जाएगी. राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को परिवहन सेक्टर में रोजगार देने के लिए ये योजना लाई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि योजना के प्रति युवाओं के उत्साह से आगे इसका विस्तार किया जाएगा.