ये दुनिया कई तरह के विविधताओं से भरी पड़ी है. यहां लाखों तरह के जीव हैं और सभी में अलग-अलग खूबियां हैं. कुछ जीव बहुत समझदार होते हैं तो कुछ के पास ऐसी क्षमता है कि वो अपना रंग या आकार बदल सकते हैं.
क्या जानवरों के पास प्राकृतिक रूप से अपना लिंग बदलने की क्षमता होती है?
कभी न कभी आप सबने Transmale या Transfemale जैसे शब्द तो सुने ही होंगे. इंसानों में अगर पुरूष अपना लिंग बदल कर स्त्री बनता है तो इसे Transfemale कहतें हैं और जब स्त्री अपना लिंग बदल कर पुरुष बनती है तो उसे Transmale कहा जाता है. इसका मतलब होता है एक ऐसा इंसान जिसने अपना जेंडर बदल लिया हो. इंसान को ये करने के लिए मशीनों की जरूरत पड़ती है. इंसानों के लिए जेंडर बदलना प्राकृतिक रूप से संभव नही है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कई ऐसे जानवर हैं जो प्राकृतिक रूप से अपना जेंडर बदल सकते हैं. इन जानवरों को अपना जेंडर बदलने के लिए किसी भी प्रकार के मशीनों की जरूरत नहीं होती.
किन वजहों से जानवर अपना लिंग बदल देते हैं?
जानवरों के लिंग बदलने की प्रक्रिया को Sequential Hermaphrotism के नाम से जाना जाता है .जानवरों के लिंग बदलने के पीछे कई वजह होते हैं.कुछ विशेषज्ञों के अनुसार किसी जानवर के लिंग परिवर्तन के पीछे जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा कारण होता है. इसके अलावा बदलता तापमान और सामाजिक बदलाव भी एक बड़ी वजह है.
कौन से जानवर अपना लिंग बदल सकते हैं?
लिंग बदलने की सबसे ज्यादा क्षमता मछलियों में होती है. समुद्र में पाई जाने वाली क्लाउन फिश बहुत ही आसानी से अपना लिंग बदल लेती है. क्लाउन फिश का पुरूष मछली यदि मर जाता है तो स्त्री मछली नए पार्टनर नहीं खोजती बल्कि अपने आपको पुरुष मछली में बदल लेती है.
लेकिन, एक बार लिंग बदल लेने के बाद क्लाउन फिश फिर से पुराने लिंग में वापस नही आ सकती.
इसी तरह Bluehead Wrasse Fish में भी लिंग बदलने की छमता होती है. जब ब्लूहेड मछली के ग्रुप में सारे पुरुष मर जाते हैं तो सबसे बड़ी स्त्री मछली खुद को पुरुष मछली में बदल लेती है ताकि उनकी पीढ़ी आगे बढ़ती रहे. ब्लूहैड मछली सिर्फ एक बार ही अपना लिंग बदल सकती है. पुरुष ब्लूहैड में लिंग बदलने की क्षमता नहीं होती है. लेकिन कई मछलियों और जानवरों में बदलाव दोनों तरफ होता है, मतलब पुरुष स्त्री बन सकता है और स्त्री पुरुष बन सकती है. उदाहरण के लिए समुद्र में पाए जाने वाला कोरल खुद को किसी भी लिंग में बदल लेता है. मसखरी मछली पुरूष के रूप में जीवन शुरू करती है फिर मादा में बदल जाती है और कोबुदाई मछली इसके विपरीत होती है. गोबी मछली सहित कई प्रजातियां सेक्स को आगे और पीछे बदल सकती हैं. एक रिसर्च के अनुसार करीब 500 से ज्यादा मछलियों के पास ऐसी क्षमता होती है कि वो अपना लिंग बदल सकती हैं.
मेंढक भी लिंग बदलने में माहिर होते हैं. कई बार अपनी संख्या को नियंत्रण में रखने के लिए बहुत सी मादा मेंढ़क अपने आप को नर मेंढक में तब्दील कर लेते हैं.
लिंग परिवर्तन में तापमान का कितना असर होता है?
अधिक तापमान की वजह से ऑस्ट्रेलिया की एक गिरगिट जब अंडे देती है तो उसके अंडे में तैयार हो रहे बच्चे का लिंग बदल जाता है और 90 फीसदी अंडो में से सिर्फ महिला गिरगिट का जन्म होता है. आस्ट्रेलिया के गिरगिटों के जैसा ही कछुओं के साथ भी होता है, कछुए अपने अंडे रेतीली जगहों पर देना पसंद करते हैं, तापमान ज्यादा होने की वजह से इस अंडो से सबसे ज़्यादा स्त्री कछुओं का जन्म होता है.
इंसानों में कैसे होती है जेंडर चेंज सर्जरी?
कोरल जानवर की तरह इंसानों के लिए जेंडर चेंज करना आसान नहीं है. इंसानों का जेंडर चेंज करने के लिए सबसे पहले मानसिक टेस्ट होता है. इसके बाद इलाज शुरू होता है जिसमें विए हार्मोन थेरेपी शुरू की जाती है. जिस लड़के को लड़की वाले हार्मोन की जरूरत है वो इंजेक्शन और दवाओं के माध्यम से उसके शरीर में पहुंचाया जाता है. करीब 4 डोज के बाद हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं. फिर लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में पुरुष या स्त्री के प्राइवेट पार्ट और चेहरे के आकार को बदला जाता है. जो महिला पुरुष बनना चाहती है उसका सबसे पहले ब्रेस्ट हटाया जाता है और पुरुष का प्राइवेट पार्ट डेवलप किया जाता है.पुरुष से स्त्री बनने वाले व्यक्ति में उसके शरीर के मांस से ही महिला के ब्रेस्ट और प्राइवेट पार्ट बना दिए जाते हैं. जेंडर बदलने वाली सर्जरी में कई डॉक्टर मौजूद रहते हैं. इसमें मनोरोग विशेषज्ञ, सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट और न्यूरो सर्जन का होना महत्वपूर्ण है.