Submarine ride for Old Dwarka: भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी को देखने का सपना देखने वालों के लिए गुजरात सरकार बड़ी खुशखबरी लेकर आई है। गुजरात सरकार अगले साल से समुद्र में डूबी द्वारका नगरी को दिखाने के मिल सबमरीन टूरिज्म की शुरुआत करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने एमओयू कर लिया है।
सरकार के पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार भगवान कृष्ण की जलमग्न द्वारका नगरी अब देखी जा सकेगी। इसे देखने के लिए एक पनडुब्बी परियोजना शुरू की जाएगी। पनडुब्बी से लोग दो घंटे में मौजूदा द्वारका से पुरानी द्वारका तक जाएंगे। पनडुब्बी में 6 क्रू सदस्यों के साथ 24 पर्यटक यात्रा पर जा सकेंगे। पनडुब्बी जब 300 फीट नीचे गहराई में पहुंचेगी तो लोगों को अपनी आंखों से द्वारका देखने को मिल सकेगी। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पनडुब्बी के संचालन के लिए भारत सरकार की मझगांव डॉक शिपयार्ड कंपनी के बीच समझौता हुआ है। वाइब्रेंट समिट में इसका ऐलान होगा। गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 10 से 12 जनवरी के बीच वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट हो रही है।
पनडुब्बी में कौन-कौन होगा?
- 24 टूरिस्ट
- 2 पायलट
- 1 गाइड
- 1 टेक्नीशियन
बेट द्वारका में बनेगा अलग घाट
द्वारका दर्शन की यह अगले साल अगस्त में कृष्ण जन्माष्टमी से शुरू होने की उम्मीद है। अगर तकनीकी कारणों कोई दिक्कत आई तो दिवाली तक हर हाल में भगवान श्री कृष्ण की पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरूआत हो जाएगी। पनडुब्बियों के लिए बैट द्वारका के पास एक विशेष घाट का भी निर्माण किया जाएगा। पर्यटन के लिए पनडुब्बियों का उपयोग द्वारका में देश का पहला प्रयोग होगा। पनडुब्बी अधिकतम 300 फीट गहराई तक जाएगी। इतना ही नहीं इसका कुल वजन 35 टन होगा।
पीएम मोदी का है फोकस
द्वारका को पर्यटन के मैप पर लगाने के लिए गुजरात सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में जाने के बाद द्वारका से जुड़ी तमाम परियोजनाओं में न सिर्फ गति आई है बल्कि देवभूमि द्वारका को द्वारका आईलैंड से जोड़ने वाले ब्रिज भी अब लगभग तैयार हो चुका है। 900 करोड़ रुपये की लागत सेक बना यह 2320 मीटर लंबा ब्रिज पर्यटकों को अरब सागर निहारने का मौका देगा। इसके साथ पनडुब्बी से पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरुआत से देवभूमि द्वारका में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।