24 मई को पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद (West Bengal Council of Higher Secondary Education) ने उच्च माध्यमिक यानि 12th बोर्ड्स के रिज़ल्ट घोषित किए. 12वीं में 89.25% छात्र पास हुए. अगर किसी माता-पिता की संतान 12वीं पास कर जाए तो ये उनके लिए गर्व की बात होती है. पश्चिम बंगाल में एक मां ने अपने बच्चों को गर्व करने की वजह दी है. इस मां ने बेटे के साथ 12वीं की परीक्षा दी और बेटे से 40 नंबर ज़्यादा ले आईं.
मां-बेटे ने साथ दी परीक्षा
पश्चिम बंगाल के शांतिपुर के मां-बेटे की जोड़ी ने उच्च माध्यमिक यानि 12वीं की परीक्षा पास की है. सबसे हैरतअंगेज़ बात ये है कि मां को बेटे से ज़्यादा नंबर मिले हैं. 38 साल की लतिका मंडल ने 500 में 324 नंबर पाए वहीं उसके बेटे ने सौरव को 284 नंबर मिले. लतिका ने कहा कि अगर उसके बेटे को उससे ज़्यादा नंबर आते तो उसे ज़्यादा खुशी होती. वहीं सौरव का कहना था कि हर कोई उसकी मां की तारीफ़ कर रहा है और यही उसकी असली जीत है.
6ठी कक्षा के बाद छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई
लतिका मंडल को 6ठी के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़नी पड़ी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और इसी वजह से न चाहते हुए भी उसे स्कूल छोड़ना पड़ा. गौरतलब है कि लतिका के अंदर आगे पढ़ने की इच्छा हमेशा से थी.
10वीं में भी आए थे अच्छी नंबर
20 साल पहले लतिका की शादी हो गई. उसके पति दिहाड़ी मज़दूर हैं. घर-परिवार और बच्चों को संभालते हुए लतिका ने एक पड़ोसी की मदद से रबींद्र मुक्त विद्यालय में दाखिला लिया. 2020 में लतिका ने अपनी बेटी के साथ अच्छे नंबर्स से 10वीं पास की थी. 2021 में लतिका ने नरसिंहपुर हाई स्कूल में कक्षा 11वीं में आर्ट्स स्ट्रीम में दाखिला लिया.
वहीं सौरव ने पूर्व बर्धमान के कालना महाराज हाई स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम में ही प्रवेश लिया. इस साल मां-बेटे की जोड़ी ने 12वीं पास कर ली. लतिका ने मीडिया से बात-चीत में कहा कि वो ग्रैजुएशन करना चाहती हैं. सौरव का कहना था कि उसे कॉलेज खत्म करके सरकारी नौकरी की तैयारी करनी है.
गुजरात में बेटे के साथ पिता ने दिया 10th बोर्ड्स
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद में एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने एकसाथ 10वीं बोर्ड पास किया. द्वारकादास परमानंद हाइअर सेकेंडरी स्कूल, नवा वादज के दोनों छात्रों ने SSC पास कर लिया. पेशे से पीयून वीरभद्र सिंह सिसोदिया ने अपने बेटे युवराज सिंह के साथ बोर्ड्स पास किया. रिज़ल्ट आने के बाद दोनों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई.
अपने बेटे युवराज को 10वीं की तैयारी करता देखकर वीरभद्र को भी दोबारा परीक्षा देने की प्रेरणा मिली. स्कूल के स्टाफ़ ने भी उनकी मदद की और एक्स्ट्रा क्लासेज़ दिए. युवराज अपने पिता को रोज़ अपने साथ पढ़ाता. दोनों की मेहनत रंग लाई. युवराज ने 79% अंक हासिल किए वहीं वीरभद्र को 45% आए.