नौहराधार क्षेत्र के ग्रामीणों व स्थानीय लोगो ने आज को-ऑपरेटिव बैंक की नौहराधार का घेराव करके धरना प्रदर्शन किया बता दे की धरना प्रदर्शन में व्यापार मंडल के अलावा – क्षेत्र के विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता भी शामिल रहे । पिछले 20 दिनों से कई खाताधारकों के खाते से लेन-देन बंद होने से खाताधारकों में भारी रोष व्याप्त है। लोग बैंक में जमापूंजी को निकालने रोजाना बैंक के चक्कर काट रहे हैं।बैंक से उपभोक्ताओं को एक ही रटा रटाया जबाव मिल रहा है कि अभी गबन की जांच चल रही जो गड़बड़ी हुई है। इसलिए अभी लेन-देन नहीं हो सकता। कई लोगों को पैसे की सख्त जरूरत है। किसी ने शादी के लिए खरीददारी करनी है तो किसी को अपने बच्चों की फीस जमा करवानी हो तो कई लोगों को अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है। जिन खाते में बैंक फिलहाल उन खातों से पैसे के लेन देन के लिए इंकार कर रहा है, जबकि खाताधारकों का साफ साफ कहना है कि अगर गबन हुआ है तो यह बैंक की जिम्मेवारी है। उन्होंने तो बैंक में पैसा जमा करवाया है। वह अपना पैसा मांग रहे हैं इसमें उनकी क्या गलती है। को-ऑपरेटिव बैंक में सामने आए करोड़ों रुपए के बहुचर्चित घोटाले की जांच के लिए शिमला से स्पेशल ऑडिट टीम व टेक्निकल टीम नौहराधार पहुंची थी। टीम निरीक्षण कार्य में जुटी है। आरोपी सहायक प्रबंधक ने नौहराधार बैंक 2012 में ज्वाइन किया था। टीम 2012 से लेकर 2024 तक का पूरा रिकार्ड खंगालेगी। टीम यह भी पता लगाएगी कि यह गड़बड़ी का सिलसिला कब से शुरू हुआ था और आज तक बैंक से कितनी राशि का गबन हुआ है। टीम यह भी पता लगाएगी कि गबन में बैंक के कोई और कर्मचारी भी शामिल हैं या अकेले सहायक प्रबंधक ने ही घोटाले को अंजाम दिया है।