राम मंदिर को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है आज पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने भी लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर तंज करते हुए कहा कि विक्रमादित्य लगातार राम मंदिर को लेकर अपने निर्णय बदलते जा रहे हैं जो बेहद निंदनीय है उन्होंने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह जो कहते थे वह करके दिखाते थे। वह अपने उसूलों के बेहद पक्के थे। लेकिन उनके पुत्र उनसे विपरीत नजर आ रहे हैं और हर पल अलग-अलग बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह पक्के सनातनी थे और वह धर्म को राजनीति से हमेशा उच्च मानने वाले थे। वह किसी दवाब में काम नहीं करते थे। उन्होंने हिन्दू धर्म के लिए काफी कार्य किए। लेकिन विक्रमादित्य सिंह के व्यवहारों से ऐसा लगता है कि वह अपने उच्च नेताओं के दवाब में है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे। वह सच्चे राम भक्त थे और उन्होंने हिंदू धर्म को संरक्षण प्रदान करने के लिए राजनीति को कभी भी आड़े नहीं आने दिया। लेकिन उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह उनके बिलकुल विमुख नजर आ रहे हैं। जो बेहद खेद का विषय है। विक्रमादित्य सिंह कभी अयोध्या जाने की बात कहते है तो कभी वह अपनी बात से मुकर जाते है। जिसकी वजह से वह अपनी विश्वसनीयता खो रहे है। उन्हें अपनी पिता के सिद्धांतों से सीख लेने की आवश्यकता है। उनके पिता कट्टर हिंदूवादी थे। वह किसी दवाब में आ कर काम नहीं करते थे। लेकिन विक्रमादित्य सिंह की कार्यशैली को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपने नेताओं के दवाब में आ कर अपनी बातों से पलट रहे है।