लद्दाख में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के जवान का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा। वहीं, जवान की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची तो चारों तरफ चीख-पुकार मच गई और हर आंख नम हो गई।
गौरतलब हो कि लद्दाख के लेह में एक सैन्य वाहन सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिर गया था। हादसे में 9 सैनिक शहीद हो गए थे जिसमें शिमला जिले की नेहरा पंचायत के डिमण गांव निवासी जवान विजय भी शामिल था।
श्मशानघाट तक नहीं थी सड़क
बलिदानी के घर से लेकर श्मशानघाट तक सड़क नहीं थी और रास्ता भी कच्चा था, जहां पूरी रास्ते पर झाड़ियां भी मौजूद थीं। ऐसे में सेना की टीम रविवार को ही गांव पहुंच गई थी।
सड़क के बारे में पता चलने पर जवानों ने रात को ही श्मशान घाट तक करीब एक किलोमीटर लंबा रास्ता साफ किया। सुबह जेसीबी की मदद से मार्ग को ठीक किया। इसके बाद साथी जवान को विदाई दी।
पत्नी ने पहना शादी का जोड़ा
बलिदानी की पत्नी निर्मला शर्मा ने शादी का जोड़ा पहनकर पति को अंतिम विदाई दी। विजय अपने पीछे बूढ़े माता-पिता, पत्नी व दो बच्चे छोड़ गए हैं। छोटा बेटा अंशुल डेढ़ वर्ष व बड़ा बेटा अभय पांच वर्ष का है। बलिदानी के बड़े बेटे व भाई ने चिता को मुखाग्नि दी।