भारत के वो इनोवेटिव किसान जिन्होंने साबित किया स्मार्ट खेती करके बेशुमार पैसा कमाया जा सकता है

indiatimes

वकील अपने बेटे को वकील बनाना चाहता है और डॉक्टर भी अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की कोशिश करते हैं. अधिकांश लोग जिस पेशे में होते हैं वह चाहते हैं कि उनका भी बेटा उस पेशे में चला जाए. लेकिन भारत में खेती हमेशा से इतनी घाटे और तकलीफ वाली रही है कि लोग कभी नहीं चाहते कि उनका बेटा किसान बने. हालांकि, पिछले कुछ साल में इस काम में आशा की किरण दिखी है. कुछ लोगों के प्रयास से खेती को मुनाफे वाला व्यवसाय बनाने की कोशिश की गई है. खेती में कई नए तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.

चलिए जानते हैम उन लोगों के बारे में जिन्होंने खेती को प्रॉफिट का बिज़नेस बनाया:

MANGO MAN

MANGO MANindiatimes

उत्तर प्रदेश के रहने वाले कलीम उल्लाह खान जो अब पूरे भारत में ‘Mango Man’ के नाम से मशहूर है. इन्हें भारत सरकार द्वारा एक्स्ट्राऑर्डिनरी खेती के लिए देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री भी मिल चुका है. मांगो मैन अपने 120 साल पुराने आम के पेड़ से 300 तरह के आम पैदा करते हैं. 1987 से वो आम के रंग, आकार, स्वाद पर तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं. लखनऊ के अपने छोटे से कस्बे मलिहाबाद में रहने वाले ‘MANGO MAN’ अपनी सफलता पर कहते हैं, ‘यह चिलचिलाती धूप में दशकों तक कड़ी मेहनत करने का पुरस्कार है.”

आम की 121 Varieties

WorldTO

अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जरूर जाना चाहिए, जहां 121 किस्म के फल उगाए जाते हैं,. यहां का 15 साल पुराना पेड़ बहुत ही लोकप्रिय और मशहूर हो चुका है. खैर सहारनपुर आमों के लिए पहले से ही मशहूर है ये पेड़ सहारनपुर के कंपनी बाग इलाके में है .पेड़ परंपरागत नहीं बल्कि एक प्रकार का प्रयोग है जिसे 5 साल पहले आम की नई किस्म विकसित करने और अलग स्वाद लाने के प्रयोग के उद्देश्य से शुरू किया गया था. पेड़ पर आम की कई वैरायटी पाई जाती हैं जिसमें दशहरी, लंगड़ा ,चौसा ,रामकेला, आम्रपाली सहारनपुर ,अरूण सहारनपुर ,वरुण सहारनपुर ,सौरव सहारनपुर ,गौरव सहारनपुर जैसे वैरायटी शामिल है

विश्व का सबसे महंगा आम

2021 में मध्य प्रदेश के एक कपल ने अपने आम के पेड़ की सुरक्षा के लिए चार सुरक्षा गार्ड और 6 प्रहरी लगाए थे इसके बाद इस पेड़ से उगने वाले आम को दुनिया का सबसे महंगा आम कहा जाता है. शुरुआत में संकल्प परिहार और उनकी पत्नी द्वारा जोड़े पेड़ लगाए गए थे उस वक्त उन्हें अंदाजा नहीं था कि पेड़ से माणिक रंग का जापानी आम उगेगा .स्थानीय चेरो कम्युनिटी ने एक बार उनके बाग में सेंध लगाई थी और इस अलग तरह के फल को चोरी करने की कोशिश की थी. पिछले साल दोनों दंपतियों ने आम की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षाकर्मी मुस्तैद किए थे उस आम की कीमत तकरीबन 2.7 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है. दंपत्ति ने इस समय 7 आमों की खेती की है जो शायद ही भारत के किसी और हिस्से में पाया जाता है.

ANIL BALANJA

ANIL BALANJAindiatimes

स्मार्ट टेक्नोलॉजी का यूज़ करते हुए भारत के कई किसान अब ड्रैगन फ्रूट और मैंगो स्टीन जैसे फल उगा रहे हैं . कुछ भाउक किसानों ने शौक के तौर पर अलग तरह के फलों की खेती कुछ साल पहले शुरू की थी. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के युवा किसान अनिल बलंजा विदेशी फलों को उगा कर टेक्निकल खेती को एक नया आयाम दिया है. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक अनिल ने पिछले दो दशकों में 30 एकड़ में 40 देशों के 700 से अधिक तरह के फलों के पौधे लगाएं,यहां की जलवायु के कारण उन सभी फलों ने उपज नहीं दी लेकिन पूरी फसल का 40% फसल उपजाउ है.

 Dr. PRABHAKAR RAO

1520263929821-63998c81a0bbbhgtv

डॉक्टर प्रभाकर अपने परिवार के साथ बेंगलुरु में रहते हैं और ढाई एकड़ खेत में प्राकृतिक खेती करते हैं .प्रभाकर की खेती परंपरागत खेती नहीं है वह सब्जियां उगाते हैं और ऐसी सब्जियों उगाते हैं जो भारतीय तो है लेकिन देश में कहीं भी नहीं उगाई जाती. प्लांट ब्रीडिंग और जेनेटिक्स में पीएचडी करने वाले डॉक्टर प्रभाकर ने अपना कैरियर वास्तु कला में बनाया पर एक लंबी यात्रा के दौरान उन्होंने किसानों की सबसे पुरानी पीढ़ी से लुप्त हो चुके वनस्पति प्रजातियों की 650 देसी बीज इकट्ठा कर उन पर प्रयोग किया.

AMARPREET SINGH HIRA

AMARPREET SINGH HIRAindiatimes

ये प्रोफेशन से बिल्डर है लेकिन खेती को लेकर काफी पैसनेट रहते हैं इन्होंने ब्लैक व्हीट तैयार की है जिसकी बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है. इन्होंने अपने खेत सफलपुर गांव जो रोपर जिले में पड़ता है यहीं से प्रयोग की शुरुआत की थी.

VALLABHAI VASRAMBHAI MARVANIYA

VALLABHAI VASRAMBHAI MARVANIYAjagran josh

गुजरात के जूनागढ़ के निवासी वल्लभभाई गुजरातियों के बीच गाजर लाने वाले पहले व्यक्ति थे क्योंकि 1943 तक गुजरात के लोग गाजर को खाने के लिए उपयुक्त नहीं मानते थे. वल्लभ भाई ने 13 साल की उम्र में कक्षा 5 में ही स्कूल छोड़ दिया और अपने 5 एकड़ के खेत में अपने पिता के सहयोग से खेती करना शुरू कर दिया. वल्लभ भाई अपने खेत में दाल अनाज और मूंगफली उगाते थे जबकि मक्का ज्वार और गाजर की खेती मवेशियों के चारे के लीए की जाती थी. 2 बोरी गाजर से उन्हें ₹8 की कमाई हुई उस वक्त के हिसाब से यह बहुत बड़ी बात थी इस कमाई से हैरान उनके पिता ने उनका समर्थन किया और वल्लभ भाई ने गाजर की खेती शुरू कर दी.

JAGDISH PRASHAD PARIKH

JAGDISH PRASHAD PARIKH indiatimes

जगदीश प्रसाद कभी भी स्कूल नहीं गए राजस्थान के अजीतगढ़ गांव के जगदीश को सरकार द्वारा पद्मश्री भी प्राप्त है. जगदीश प्रसाद अपने खेत में जैविक तकनीकों के जरिए दुनिया की सबसे बड़ी फूल गोभी का उत्पादन किया है. इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है .खैर अब उनका रिकॉर्ड टूट चुका है. नए प्रयोगों ने उन्हें खेती जगत में खूब मशहूर किया .

 RAM SARAN VERMA

RAM SARAN VERMAsugarmint

रामसरन जी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से 30 किलोमीटर की दूरी पर बाराबंकी जिले में रहते हैं वह दौलतपुर गांव के निवासी हैं 1988 में अपने केले की खेती से वह मशहूर हुए. उन्होंने केले की खेती से टिशू कल्चर शुरू किया और ऐसा करने वाले व राज्य के पहले किसान थे .1 एकड़ में 400 क्विंटल केले की पैदावार होती है ₹1 लाख की उत्पादन लागत पर किसान ₹4 लाख से अधिक का लाभ कमा सकता है. उन्होंने लाल केले की भी खेती की जिसकी कीमत 100 से ₹80 प्रति किलोग्राम के करीब है.