ये है 1931 का दादा जी के ज़माने का पासपोर्ट, लाहौर से हुआ था जारी, शख्स ने आजतक संभाल कर रखा है

इन दिनों सोशल मीडिया पर पुराने ज़माने के बिल शेयर करने का चलन शुरू हुआ है. लोग रेस्टोरेंट बिल से लेकर बुलेट मोटरसाइकिल के सालों पुराने बिल शेयर कर रहे हैं. इसी क्रम में अब दादा जी के ज़माने का पासपोर्ट भी वायरल हुआ है. ये ‘ब्रिटिश इंडियन पासपोर्ट’ है.

वायरल हुआ 1931 का पासपोर्ट

British Indian Passport Twitter

लोग हमेशा पुराने कागजात, पुरानी चीजों और प्राचीन विचारों से आकर्षित होते हैं क्योंकि वे अतीत, हमारी संस्कृति और उस समय के लोगों के बारे में बहुत कुछ बताते हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कितने प्राचीन हैं, हम हमेशा उन चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहेंगे जो अब हमारे आसपास नहीं हैं.

ठीक उसी तरह जिस तरह लोग 1931 के इस पासपोर्ट के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं. सोशल मीडिया पर एक शख्स ने अपने दादा को जारी किया गया पासपोर्ट साझा किया है. उसने कुछ तस्वीरें साझा कीं जो अब वायरल हो रही हैं.

लाहौर में हुआ था जारी

एक व्यक्ति ने अपने दादा का “ब्रिटिश इंडिया पासपोर्ट” साझा किया, जो 1931 में लाहौर में जारी किया गया था. ट्विटर यूजर अंशुमान सिंह ने पासपोर्ट की विभिन्न तस्वीरें पोस्ट कीं, जिस पर “इंडियन एम्पायर” और  “ब्रिटिश इंडियन पासपोर्ट” लिखा हुआ है.

यह पंजाब राज्य का पासपोर्ट है जिसके बारे में यूजर ने बताया कि यह 1931 में लाहौर में जारी किया गया था और 1936 तक वहां वैध था. इसके साथ ही यह केन्या कॉलोनी में भी मान्य था. ये तस्वीरेंअच्छी स्थिति में हैं और उसमें पासपोर्ट धारक का चित्र भी दिख रहा है. इस पासपोर्ट पर प्राप्तकर्ता ने लाहौर की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, उर्दू में भी अपने नाम पर हस्ताक्षर किए हैं.

इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए अंशुमान ने कैप्शन में लिखा, “मेरे दादाजी का ब्रिटिश इंडियन पासपोर्ट, जो 1931 में लाहौर में जारी किया गया था. उस समय उनकी उम्र 31 साल रही होगी.” इसके साथ ही उन्होंने पासपोर्ट के पन्नों से चार तस्वीरें पोस्ट की हैं.

लोग हुए प्रभावित

ये पोस्ट अब वायरल हो गई है. अब तक ट्वीट को हजारों लाइक्स और कमेंट्स के साथ 138k से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. पासपोर्ट को अच्छी स्थिति में रखने के लिए कई लोगों ने अंशुमान की तारीफ की.

एक शख्स ने लिखा, “वाह, साझा करने के लिए धन्यवाद. यह निश्चित रूप से एक संग्रहालय का हिस्सा है.”

 

 

एक आदमी ने उत्सुकता से पूछा, “1947 में बंटवारे के बाद जब हमने लाहौर को हमेशा के लिए खो दिया तो उन्हें कैसा लगा?” जिस पर यूजर ने जवाब दिया, “उन्होंने वास्तव में इसे खोने के बारे में कभी बात नहीं की, हालांकि वह खूबसूरत बगीचों और लाहौर की चमकदार रोशनी के बारे में बात करते थे.”

एक अन्य यूजर ने लिखा, “आप बहुत लकी हो जी. गुज़रे हुए ज़माने की यादें आप के पास हैं. क्या कहें. सब ओके है जी. गॉड ब्लेस यू,”