जिसका इतिहास ढाई सौ साल से भी पुराना है जी हां सनातन धर्म मंदिर 16 में एक शिवलिंग स्थापित है जो ढाई सौ वर्षो से भी प्राचीन बताया जाता है इस विषय पर जब सनातन धर्म मंदिर सोलन के पुजारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ढाई सौ 300 वर्ष पूर्व यहां पर जब राजाओं का शासन था उसे समय जहां पर सनातन धर्म मंदिर है उस स्थान पर तालाब हुआ करता था और राजाओं का एक छोटा हाथी इस तालाब में फंस गया था उसे खोजने की तलाश में राजा के सिपाहियों को स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ था तभी से यहां पर कुछ शिवलिंग की स्थापना हुई और लगभग ढाई सौ वर्षो से इसी स्थान पर इस शिवलिंग की पूजा की जाती है मान्यता है कि इस शिवलिंग पर दूध और बेलपत्र चढ़ाने से श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती है वहीं इसी के साथ में एक दूसरा शिवलिंग भी है जिसके चारों ओर 11 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई है यह ज्योतिर्लिंग अलग-अलग प्रकार के चमत्कारी पत्थरों से बनाए गए हैं और कहा जाता है कि इस शिवलिंग की भी अपनी ही एक कहानी है जो भी भक्तगण यहां पर जाकर माथा टेकते हैं उन्हें मां की शांति और उनके मां की इच्छाओं की पूर्ति की होती है ।
पुजारी का कहना है कि शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता सुबह से लग जाता है और चार पहर इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और श्रद्धालु बढ़-चढ़कर चारों पहर भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए मंदिर पहुंचने हैं साथ ही जिला सोलन के दुर्गा माता मंदिर में भी एक शिवलिंग स्थापित है जिसका इतिहास भी अपने आप में ही अनोखा है इस शिवलिंग का इतिहास भी सैकड़ो वर्ष पुराना बताया जाता है हाल ही में इस मंदिर को का पुनर्निर्माण किया गया है इसके उपरांत इस मंदिर की सांद्रता को चार चांद लग गए हैं धार के पत्थरों से बनी इसकी छत इस मंदिर को और आकर्षक बनाती है शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में भी भक्तों की खासी भीड़ देखी जाती है ।