हिमाचल प्रदेश की राजनीती में इन दिनों पर्यटन के होटलों को लेकर खूब चर्चा चल रही है ज़ब से होटलों को लेकर उच्च न्यालय के आदेश आये हैं वहीं विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर सरकार को घर रहा है पूर्व मंत्री भाजपा के नेता राकेश पठानिया ने धर्मशाला में प्रेस वार्ता करके कहा की वो खुद HPTDC का चेयरमैन और उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं वहीं उस कार्यकाल के दौरान HPTDC में 14 संपत्तियां जोड़ी गईं थी और 7 साढ़े 7 करोड़ का भी मुनाफा किया था लेकिन आज पर्यटन निगम के होटल नीलाम हो रहे हैं.पठानिया ने कहा की करीब 3 सौ कनाल में है चायल पैलेस प्रॉपर्टी और ये देशभर में सबसे हाईप्रोफाइल प्रॉपर्टी है जो आज बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा की कांगड़ा को पर्यटन की राजधानी बनाने वालों के कार्यकाल में धर्मशाला के ही नामी 3 होटल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैँ.आज कांगड़ा से ही HPTDC के चेयरमैन हैं फिर भी इन होटलों को प्रॉफिट में नहीं ला पाये हैँ। राकेश पठानिया ने कहा हमारे कार्यकाल के दौरान भी HPTDC की प्रापर्टी को लीज आउट करने का प्रस्ताव आया और सदन में लाया गया था प्रस्ताव मैने ख़ुद सदन में खड़े होकर इसका विरोध किया था तात्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इसका समर्थन किया था।आज अगर HPTDC के होटल सेल होने वाले हैं तो क्या बाकी की निगम प्रॉपर्टी भी सेल हो जाएंगी जो घाटे में चल रही हैं
आज HRTC घाटे में है बिजली बोर्ड घाटे में चल रही है तो क्या इनको भी बेचोगे। पठानिया ने कहा की सरकार इन मामलों को डिफेंड करने की बात कह रही है जब कोर्ट में मामला लगा था तो डिफेंड क्यों नहीं कर पाई सरकार।