माता शूलिनी के गर्भगृह को मिला नवीनतम स्वरूप,कल से अनुष्ठान होंगे प्रारंभ,आकर्षण का केंद्र बना शूलिनी मंदिर

 

117दिन बाद 5अप्रैल को गर्भगृह में विराजमान होंगी माता शूलिनी

सोलन / नगर की अधिष्ठात्री देवी माता शूलिनी मंदिर में गर्भगृह के जीर्णोद्वार का कार्य आज लगभग संपन्न ही हो चुका है,,और कल से मंदिर परिसर में अनुष्ठान भी शुरू हो जाएंगे,,6दिन अनुष्ठान के बाद 5अप्रैल को माता अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगी,जीर्णोद्वार के बाद अब शूलिनी मंदिर आकर्षण का केंद्र भी बनता जा रहा है

V/O- सोलन शहर की अधिष्ठात्री देवी माता शूलिनी मंदिर में गर्भगृह के जीर्णोद्वार का कार्य लगभग 111दिन बाद आज संपन्न होने जा रहा है और कल से मंदिर परिसर में अनुष्ठान भी शुरू हो जाएंगे,,बता दें की हिमाचली शैली में गर्भ ग्रह के जीर्णोधार का कार्य आज अंतिम चरण में पहुंच चुका है और गर्भ ग्रह का भव्य स्वरूप भी अब नजर आने लगा है, जो कि अब आकर्षण का केंद्र भी बनता जा रहा है मिली जानकारी के अनुसार सागवान की लकड़ी पर कारीगरी कर गर्भ ग्रह को भव्य स्वरूप दिया गया है और 5 अप्रैल को माता को विधि विधान से गर्भगृह में प्रतिष्ठित भी कर दिया जाएगा।

माता के कल्याणे जियालाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में जीर्णोद्वार का कार्य आज खत्म हो जाएगा और कल से अनुष्ठान प्रारंभ हो जाएंगे विधि विधान से माता की पूजा अर्चना की जाएगी तत्पश्चात 5 अप्रैल के दिन माता गर्भग्रह में प्रतिष्ठित हो जाएंगे।
उनका कहना है कि 117 दिन से श्रद्धालु गर्भगृह के बाहर ही माता के दर्शन करेंगे परंतु अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही है और साढ़े महीने बाद जो गर्भ ग्रह का भव्य स्वरूप नजर आ रहा है वह सभी को अपनी और आकर्षित कर आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।
कल के अनुष्ठान में 22 गांव के लोगों के साथ चार विद्वान विधि विधान से माता की पूजा अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनेंगे।