नालागढ़ के पहाड़ी क्षेत्र राम शहर के तहसील में पड़ने वाले भियूंखारी गांव के सड़क व स्कूल कई वर्षों से बह रहा है बदहाली के आंसू

 

ग्रामीणों ने कहा विधायक ने नहीं ली उनके क्षेत्र की सुध

विधायक संजय अवस्थी ने कहा गांव की समस्या अब आई है उनके समक्ष जल्द करेंगे समस्याओं का निवारण

भारत देश के आजाद होने के इतने वर्षों बाद तक भी देश के हिमाचल प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जो अभी भी पक्की सड़कों से वंचित है। देश के प्रधानमंत्री एवं हिमाचल के मुख्यमंत्री के विकास के दावे मानों खोखले नजर आते है। प्रदेश के विधायक ही जिन वोटो के कारण उस पद पर पहुंचे हैं उन लोगों को इग्नोर करते हुए नजर आते हैं हम बात कर हैं। नालागढ़ के पहाड़ी क्षेत्र रामशहर तहसील के भियूंखारी गांव की जहां की सड़क बदहाली के आंसू रो रही है। इस गांव की सड़क का हाल यूं है मानो कई वर्षों से इस सड़क पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया हो। आप इस वीडियो में साफ-साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार इस सड़क की हालात खस्ता हो चुकी है। आपको बता दे कि यह खस्ता हाल सड़क करीब 10 से 15 गांव को जोड़ता है लेकिन इस सड़क की हालत इतनी बुरी है कि मानो बरसों से यह सड़क पर किसी की नजर ही न पड़ी हो। वही जब इस मामले पर पीडब्ल्यूडी विभाग अर्की से उनके गांव की सड़क को लेकर बात की जाती है तो पीडब्ल्यूडी विभाग अर्की के एसडीओ का कहना होता है कि उनके पास एक उचित बजट नहीं है जिस कारण वह गांव का विकास करने में असमर्थ है। आखिर ग्रामीण जाएं तो कहां जाए। और वहीं गांव के स्कूल की हालत आप इस वीडियो में देख सकते है। आपको बता दें यह स्कूल की इमारत 2018 से असुरक्षित घोषित की गई है लेकिन आज तक इस स्कूल की मनोदशा नही बदली है बल्कि बदसेबत्तर हो गई है। वही एक छोटी सी नई छोटे से कमरे में पूरे स्कूल को चलाया जा रहा है कुछ बच्चे आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि क्लासों के बाहर बैठकर अध्यापक उन्हें पढ़ रहे हैं।

वहीं भियूंखरी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र को बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है विधायक संजय अवस्थी के द्वारा एक बार भी इस क्षेत्र का भ्रमण नहीं किया गया है। विधायक व प्रशासन द्वारा उनके गांव को अनदेखा किया जा रहा है जो कि उनके लिए बहुत ही दुख की बात है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार के विधायक जो कि उनके मत से इस पद पर विराजमान हुए हैं वह ही उन्हें नहीं पूछ रहे हैं और आगे प्रशासन भी उन्हें क्यों पूछेगा लोगों का कहना है कि जब उनके क्षेत्र में बरसात होती है तो इस सड़क की हालत देखते ही बनती है उन्हें अपने गाड़ियां गांव से कोसों दूर खड़ी करने पड़ती है और पैदल चलना तो इस रोड पर दुर्लभ हो जाता है ग्रामीणों का कहना है कि वह अपनी इतनी महंगी गाड़ियां अपनी सहूलियत के लिए लेते हैं लेकिन उनका कोई फायदा नहीं है क्योंकि उनके गांव की सड़क इतनी खराब है कि जब वह अपने गांव से होते हुए नालागढ़ को आते हैं तो उन्हें हर बार ही अपने गाड़ी को दिखाना पड़ता है और जिस पर भारी खर्च आता है वही बात करें गांव के स्कूल की जिसे 2018 से अनसेव्ड घोषित किया गया है लेकिन आज भी मजबूरी के कारण उन्हें अपने बच्चों को डर के साए में स्कूल भेजना पड़ता है स्कूल की हालत इतनी बत्तर हो गई है की बरसात में वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि उनके गांव को के साथ पराया व्यवहार ना किया जाए और उनके गांव पर ध्यान दिया जाए।

वही इस मामले को लेकर विधायक संजय अवस्थी से बात की गई तो उनका कहना था कि मीडिया के माध्यम से उनके समक्ष यह मामला आया है जिसकी वह पुख्ता छानबीन करवाएंगे और जल्द ही इस गांव का विकास होगा।