सोलन शुलिनी माता मंदिर मे रात्रि नौ बजे के बाद लगातार आम जन की संख्या बढती जा रही है

The number of common people is continuously increasing in Solan Shulini Mata Temple after 9 pm.

सोलन शुलिनी माता मंदिर मे रात्रि नौ बजे के बाद दुर्गा संकीर्तन मंडली,नव दुर्गा संकीर्तन मंडली, बाल वैष्णो संकीर्तन मंडली के सदस्यो द्वारा पढे जा रहे नवरात्रों के कीर्तन मे लगातार आम जन की संख्या बढती जा रही है जिसमे पुरूषो के साथ महिलाए और युवतियां भी शामिल हो रही है ।
सप्तम नवरात्रे पर मां कालरात्रि की महीमा का विषेश रूप से गुणगान किया और साथ ही गणेश, भोलेनाथ, मां दुर्गा, खाटू श्याम, मां ज्वाला आदि देवी देवताओ का भी गुणगान किया गया समाजसेवी व मंडली के पूर्व सदस्य मुकेश गुप्ता ने मां कालरात्रि की व्याख्या करके हुए कहा की काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी,चंडी अवतार,पृथ्वी और आकाश पर पसारा रखने वाली,खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टो का लहू चखने वाली, कलकत्ता मे स्थान वाली, देवता और नर नारी करे सतुती तुम्हारी, रक्तदंता और अन्नपूर्णा, कृपा करे तो न चिंता न गम न संकट भारी कटे हर बिमारी ऐसी है मां कालरात्रि। मुकेश गुप्ता एक अलग ही रंग मे नजर आऐ उन्होने कीर्तन की है रात भजन गाया,
प्रदीप इंग्रेवर ने मां कालरात्रि का भजन व उपस्थित भगतो के साथ मां काली का नवरात्रा पढ़ा राकेश अग्रवाल ने इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यू, बिकी ओबराय ने आ मां आ तुझे दिल ने पुकार,विशाल खन्ना ने जय जय शिव नंदन हाथ जोड हम वंदन करते है, अमीत ओबराय ने मात संग चोला साजे, नवीन ने आ जा मां तुझे दिल ने पुकारा।
सोलन शूलिनी माता मंदिर में दुर्गा संकीर्तन मंडली, नव दुर्गा संकीर्तन मंडली, बाल वैष्णो संकीर्तन मंडली के पूर्व सदस्यो द्वारा लगातार रात्रि नौ बजे के बाद नवरात्रे पढ़े जा रहे है छटे नवरात्रे पर मां दुर्गा के छटे स्वरूप माता कात्यायनी की आराधना व पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। रात नौ बजे के बाद बड़ी संख्या में भगत ने शूलिनी माता मंदिर पहुंच माता का गुणगान सुना। माता कात्यायनी की व्याख्या करते हुए भक्त प्रदीप इंग्रेवर ने कहा की आचार्यो के अनुसार महर्षि कत्यायन की घोर तपस्या से खुश होकर मां कात्यायनी ने कात्यायन महर्षि को वरदान दिसा की मै पुत्री रूप मे आपके घर जन्म लुंगी मां कात्यायनी गोरी मां का रूप है, जिस समय कृष्ण भगवान ने कंश का वध्ध किया था उस समय कृष्ण भगवान ने रेत से एक प्रतिमा मां कात्यायनी की बनाई थी जो आज भी वृंदावन मे मंदिर मे स्थापित है मां कात्यायनी पीले धारण करती है उन्होने बताया की कुंवारी कन्या मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करे तो उसका विवाह समय से हो जाता है मां की पूजा से रोग, संताप खत्म हो जाता है और जीवन धन धान्य से युक्त हो जाता है । उपस्थित सभी भगतो ने मां कात्यायनी का नवरात्रा पढ़ा और भजन कीर्तन किया हाथ पकड़ ले कन्हैया, मेरा रोम रोम तेरा नाम जपे मां, तेरे दर्शन ने मां आवेंगे मां यातरू, चोला पहनो,गुफा सुहानी बैठी महारानी, मंगलवार तेरा है हर ये संसार तेरा है बालाजी कृपा करना और अन्य भजनो से मां को भोग लगाया गया।
विशाल ओबेरॉय,दीपक वर्मा ,नीरज वर्मा, विवेक ओबरॉय, संजय अग्रवाल, अमितओबरॉय, विशेष रूप से चंद्रकांत,अशोक गागट, राकेश अग्रवाल ,मोनू गुप्ता, मोहन दत्त शर्मा, ,नीरज गुप्ता ,अनूप सिंगल, छोटू बिग, मोनू गुप्ता, नरेंद्र कुमार, मुकेश गुप्ता और आमजन मौजूद रहे।