सोलन:प्रदेश में लंबे समय से बारिश न होने और सूखे जैसे हालात को देखते हुए उद्यान विभाग ने बागवानों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। उद्यान विभाग सोलन की उपनिदेशक डॉ. शिवाली ने चेतावनी दी है कि सूखे की स्थिति में पाले की आशंका काफी बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर बागवानी फसलों पर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि खास तौर पर सब-ट्रॉपिकल क्षेत्रों में आम और लीची की नर्सरियों को पाले से भारी नुकसान होने की संभावना रहती है।डॉ. शिवाली ने बागवानों को सतर्क रहने और समय रहते आवश्यक उपाय अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जिन बागवानों ने जुलाई और अगस्त के दौरान आम व लीची के नए बगीचे लगाए हैं, उनके पौधों को घास या बोरी से ढकना अनिवार्य है। पौधों को ढकते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दक्षिण-पूर्वी दिशा खुली रहे, जिससे पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती रहे और उनमें नमी भी संतुलित बनी रहे।उपनिदेशक डॉ. शिवालीने बताया कि पाले से फसलों को बचाने के लिए निरंतर और नियमित सिंचाई बेहद जरूरी है। यदि पौधों में पर्याप्त नमी बनी रहती है तो पाले के दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा वर्तमान मौसम में दिन और रात के तापमान में लगातार अंतर देखने को मिल रहा है, जिससे पौधों के तनों में दरारें पड़ने और छाल फटने की समस्या बढ़ रही है।डॉ. शिवाली ने इस स्थिति से बचाव के लिए बागवानों को पेड़ों के तनों पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या बोर्डो पेंट/पेस्ट का लेप लगाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह उपाय तापमान के अचानक बदलाव से होने वाले नुकसान को कम करता है और पौधों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।